Business study Class 12 CBSE अध्याय 6


व्यवसाय अध्ययन – कक्षा 12

अध्याय 6 – स्टाफ़िंग (STAFFING)


1. परिचय (Introduction)

  1. स्टाफ़िंग प्रबंधन का तीसरा महत्वपूर्ण कार्य है, जो योजना और संगठन के बाद आता है।
  2. किसी भी संगठन का संचालन मानव प्रयासों के बिना संभव नहीं है, इसलिए स्टाफ़िंग मानव संसाधन से संबंधित कार्यों पर केंद्रित है।
  3. यह सुनिश्चित करता है कि सही संख्या, सही योग्यताओं, और सही कौशल वाले लोग सही समय पर सही पद पर नियुक्त किए जाएँ।
  4. आधुनिक व्यवसाय में तकनीकी परिवर्तन, वैश्वीकरण, प्रतिस्पर्धा और जटिल कार्य प्रणालियों के कारण प्रभावी स्टाफ़िंग आवश्यक हो गई है।
  5. सुदृढ़ स्टाफ़िंग से संगठन की उत्पादकता, दक्षता, मनोबल और स्थिरता बढ़ती है।

2. स्टाफ़िंग का अर्थ (Meaning of Staffing)

  1. स्टाफ़िंग वह प्रक्रिया है जिसमें संगठन के लिए योग्य व्यक्तियों का नियोजन (hiring), विकास (development), पारिश्रमिक (compensation) और रोककर रखना (retention) शामिल है।
  2. इसमें निम्नलिखित गतिविधियाँ सम्मिलित हैं–
    • मानव शक्ति की आवश्यकता का अनुमान
    • भर्ती (Recruitment)
    • चयन (Selection)
    • प्रशिक्षण एवं विकास
    • नियुक्ति एवं अभिविन्यास
    • प्रदर्शन मूल्यांकन
    • वेतन एवं प्रोत्साहन प्रबंधन
    • पदोन्नति एवं करियर योजना
  3. आधुनिक समय में स्टाफ़िंग को मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) भी कहा जाता है।
  4. स्टाफ़िंग मानव संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करती है।

3. स्टाफ़िंग का महत्व (Importance of Staffing)

(1) अन्य प्रबंधकीय कार्यों के कुशल निष्पादन में सहायक

  • बिना योग्य कर्मचारियों के, योजनाएँ और संगठनात्मक संरचनाएँ प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पातीं।

(2) मानव संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग

  • आवश्यकता के अनुरूप ही कर्मचारियों की नियुक्ति होती है।
  • न तो अधिक कर्मचारी होते हैं, न ही कम।

(3) योग्य कर्मचारियों की भर्ती में सहायता

  • भर्ती और चयन की प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित बनती है।

(4) कर्मचारी विकास में सहायता

  • प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम कर्मचारियों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाते हैं।

(5) कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाना

  • उचित वेतन, पदोन्नति, और विकास अवसर कर्मचारियों को प्रेरित करते हैं।

(6) उत्पादकता में वृद्धि

  • सही व्यक्ति सही काम करने से उत्पादकता बढ़ती है और त्रुटियाँ कम होती हैं।

(7) दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करता है

  • बदलते व्यवसाय वातावरण में सक्षम कर्मचारियों की उपस्थिति संगठन को प्रतिस्पर्धी बनाए रखती है।

(8) भविष्य की मानव शक्ति का अनुमान लगाने में सहायता

  • स्टाफ़िंग भविष्य की आवश्यकताओं की पहचान कर संगठन को दीर्घकालीन तैयार रखता है।

4. मानव संसाधन प्रबंधन का विकास (Evolution of HRM)

(1) प्रारंभिक चरण – कार्मिक प्रशासन

  • कर्मचारियों की उपस्थिति, वेतन और मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान दिया जाता था।
  • कर्मचारियों को केवल उत्पादन का साधन माना जाता था।

(2) वैज्ञानिक प्रबंधन काल

  • एफ. डब्ल्यू. टेलर ने वैज्ञानिक कर्मचारी चयन, प्रशिक्षण और मानकीकरण पर जोर दिया।

(3) मानव संबंध आंदोलन

  • एल्टन मेयो के प्रयोगों से यह सिद्ध हुआ कि मानव और सामाजिक कारक उत्पादन को प्रभावित करते हैं।
  • कर्मचारी संतुष्टि महत्वपूर्ण है।

(4) HRM का उदय

  • औद्योगिक विकास, तकनीकी बदलाव, वैश्वीकरण और कर्मचारी सशक्तिकरण की आवश्यकता ने HRM को जन्म दिया।
  • HRM मानव को एक संपत्ति (asset) के रूप में देखता है।

(5) सामरिक मानव संसाधन प्रबंधन (Strategic HRM)

  • HRM को संगठन की रणनीति का हिस्सा माना गया।
  • प्रतिभा प्रबंधन, नेतृत्व विकास और उत्तराधिकार योजना जैसे कार्य विकसित हुए।

5. स्टाफ़िंग प्रक्रिया (Staffing Process)

स्टाफ़िंग एक क्रमबद्ध (systematic) प्रक्रिया है, जिसमें कई चरण शामिल होते हैं।


चरण 1: मानव शक्ति आवश्यकताओं का अनुमान (Estimating Manpower Requirements)

  1. वर्कलोड विश्लेषण
    • काम की मात्रा के आधार पर आवश्यक कर्मचारियों की संख्या निर्धारण।
    • उत्पादन लक्ष्य, नौकरी का प्रकार और कार्य शेड्यूल ध्यान में रखे जाते हैं।
  2. वर्कफोर्स विश्लेषण
    • वर्तमान कर्मचारियों की संख्या और योग्यता का विश्लेषण।
    • रिक्तियों का पता लगाया जाता है (सेवानिवृत्ति, इस्तीफा, पदोन्नति आदि)।
  3. जॉब एनालिसिस (Job Analysis)
    • प्रत्येक पद का विस्तृत अध्ययन।
    • इसमें शामिल हैं:
      • जॉब डिस्क्रिप्शन – काम, जिम्मेदारियाँ, कार्य परिस्थितियाँ
      • जॉब स्पेसिफिकेशन – योग्यता, कौशल, अनुभव
  4. महत्व
    • भर्ती विज्ञापन तैयार करने में मदद
    • चयन प्रक्रिया को उद्देश्यपूर्ण बनाना
    • प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान

चरण 2: भर्ती (Recruitment)

  1. भर्ती वह प्रक्रिया है जिसमें संभावित उम्मीदवारों को खोजा और आकर्षित किया जाता है।
  2. इसका उद्देश्य योग्य आवेदकों का बड़ा समूह तैयार करना है।

भर्ती के स्रोत

A. आंतरिक स्रोत (Internal Sources)

  • पदोन्नति
  • स्थानांतरण

लाभ

  • कर्मचारियों को प्रेरणा
  • तेज़ एवं सस्ता
  • संगठन के लिए विश्वसनीय

हानियाँ

  • विकल्प सीमित
  • संगठन में ठहराव
  • ईर्ष्या की संभावना

B. बाहरी स्रोत (External Sources)

  • कैंपस भर्ती
  • रोजगार विनिमय
  • ऑनलाइन जॉब पोर्टल
  • समाचार पत्र विज्ञापन
  • कर्मचारी अनुशंसा

लाभ

  • नए विचार
  • अधिक विकल्प
  • योग्य और प्रशिक्षित आवेदक

हानियाँ

  • महंगा
  • समय-साध्य
  • गलत चयन का जोखिम

चरण 3: चयन (Selection)

  1. चयन योग्य व्यक्ति को चुनने की प्रक्रिया है।
  2. यह एक “नकारात्मक या छँटाई प्रक्रिया” है, जिसमें अयोग्य उम्मीदवार हटाए जाते हैं।

चयन प्रक्रिया के चरण

  1. प्रारंभिक जाँच
  2. आवेदन पत्रों की जाँच
  3. चयन परीक्षण
    • बुद्धि परीक्षण
    • अभिरुचि परीक्षण
    • व्यक्तित्व परीक्षण
    • कौशल परीक्षण
  4. साक्षात्कार
  5. संदर्भ जाँच
  6. अंतिम चयन निर्णय
  7. चिकित्सकीय परीक्षण
  8. नियुक्ति पत्र

चरण 4: प्लेसमेंट और ओरिएंटेशन

1. प्लेसमेंट (Placement)

  • चयनित उम्मीदवार को उपयुक्त कार्य सौंपना।

2. ओरिएंटेशन (Orientation / Induction)

  • नए कर्मचारी को संगठन के नियमों, संस्कृति, अधिकारियों और कार्य प्रणाली से परिचित कराना।

चरण 5: प्रशिक्षण और विकास (Training & Development)

प्रशिक्षण (Training)

  • कर्मचारियों की वर्तमान नौकरी की दक्षता में सुधार करना।

विकास (Development)

  • भविष्य की जिम्मेदारियों, विशेषकर प्रबंधकीय पदों के लिए विकास करना।

प्रशिक्षण की विधियाँ (Training Methods)

A. ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण (On-the-Job Training)

  1. अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण
  2. कोचिंग
  3. जॉब रोटेशन
  4. इंटर्नशिप प्रशिक्षण

लाभ

  • व्यावहारिक अनुभव
  • कम लागत
  • त्वरित सीख

हानियाँ

  • काम का व्यवधान
  • गलतियों का जोखिम

B. ऑफ-द-जॉब प्रशिक्षण (Off-the-Job Training)

  1. कक्षा व्याख्यान
  2. केस स्टडी
  3. वेस्टिब्यूल प्रशिक्षण
  4. सम्मेलन एवं सेमिनार
  5. ई-लर्निंग

लाभ

  • संगठित सीख
  • कार्य में बाधा नहीं
  • विशेषज्ञ प्रशिक्षण

हानियाँ

  • महंगा
  • कम व्यावहारिक

विकास कार्यक्रम (Development Programmes)

  1. प्रबंधकीय विकास कार्यक्रम
  2. नेतृत्व विकास
  3. व्यक्तित्व विकास
  4. निर्णय लेने की क्षमता का विकास

6. भर्ती (Recruitment) — विस्तृत

विशेषताएँ

  • उम्मीदवारों को आकर्षित करना
  • चयन से पहले की प्रक्रिया
  • संगठन की छवि को बेहतर बनाना

महत्व

  • योग्य कर्मचारियों की पहचान
  • चयन प्रक्रिया सरल
  • प्रतिस्पर्धात्मक माहौल

7. चयन (Selection) — विस्तृत

उद्देश्य

  • सर्वोत्तम उम्मीदवार का चयन
  • नौकरी और व्यक्ति में अनुकूलता
  • काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करना

जाँच किए जाने वाले गुण

  • ज्ञान
  • कौशल
  • व्यवहार
  • संचार क्षमता
  • दबाव में काम करने की क्षमता

8. प्रशिक्षण और विकास (Training & Development) — विस्तृत

प्रशिक्षण का महत्व

  1. कार्यकुशलता में वृद्धि
  2. गुणवत्ता सुधार
  3. दुर्घटनाओं में कमी
  4. कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाना
  5. पदोन्नति के अवसर बढ़ाना

9. निष्कर्ष (Conclusion)

  1. स्टाफ़िंग किसी भी संगठन की सफलता का आधार है क्योंकि यह मानव संसाधनों की सही उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  2. यह भर्ती, चयन, प्रशिक्षण, विकास और वेतन प्रबंधन जैसी गतिविधियों को व्यवस्थित रूप से संचालित करता है।
  3. आज के प्रतिस्पर्धी और गतिशील व्यवसाय वातावरण में, सक्षम और प्रशिक्षित मानव संसाधन ही संगठन को मजबूत करते हैं।
  4. प्रभावी स्टाफ़िंग से उत्पादकता, मनोबल, नवाचार और दीर्घकालिक स्थिरता बढ़ती है।
  5. अंततः, स्टाफ़िंग का मूल सिद्धांत है—
    “सही व्यक्ति को सही काम पर, सही समय पर, सही कौशल के साथ नियुक्त करना।”

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