Geography class 11 CBSE course A अध्याय 7


**भूगोल – कक्षा 11 (Course A)


1. प्रस्तावना (Introduction)

  • पृथ्वी का वायुमंडल एक गतिशील तंत्र है जो निरंतर बदलता रहता है।
  • जलवायु का अध्ययन हमें तापमान परिवर्तन, ऋतुचक्र, वर्षा वितरण, पवन प्रणाली तथा ग्रह के ताप संतुलन को समझने में सहायता करता है।
  • मौसम (Weather) और जलवायु (Climate) पृथ्वी की वायुमंडलीय स्थिति के दो अलग-अलग परंतु संबंधित पहलू हैं।
  • कृषि, जल संसाधन, पारिस्थितिकी तंत्र तथा मानवीय जीवन सभी जलवायु पर निर्भर हैं।
  • पृथ्वी की जलवायु मुख्यतः वायुमंडल की संरचना, संघटन, सौर विकिरण तथा वायुमंडलीय परिसंचरण से निर्धारित होती है।

2. मौसम और जलवायु (Weather vs Climate)

2.1 मौसम (Weather)

  • अल्पकालिक (Short-term) वायुमंडलीय स्थिति।
  • इसमें तापमान, वर्षा, हवा, आर्द्रता, बादल आदि की दैनिक या साप्ताहिक स्थिति शामिल।
  • अत्यधिक परिवर्तनशील और अनिश्चित।

2.2 जलवायु (Climate)

  • दीर्घकालिक (Long-term) औसत मौसमीय स्थिति।
  • विश्व मौसम संगठन (WMO) के अनुसार कम से कम 30 वर्षों के आंकड़ों पर आधारित।
  • अपेक्षाकृत स्थिर और पूर्वानुमेय।
  • किसी क्षेत्र की कृषि, वनस्पति, पर्यावरण तथा जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डालती है।

3. वायुमंडल का संघटन (Composition of the Atmosphere)

वायुमंडल गैसों, जलवाष्प, धूल-कणों और एरोसोल का मिश्रण है।
इसका संघटन ऊँचाई के साथ बदलता रहता है।

संघटन महत्वपूर्ण क्यों है?

  • जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है।
  • सौर विकिरण का संतुलन बनाए रखता है।
  • ओज़ोन परत हानिकारक किरणों को रोकती है।
  • ग्रीनहाउस प्रभाव पृथ्वी को गर्म रखता है।
  • बादल और वर्षा जलवाष्प और धूल के कारण संभव होती है।

4. वायुमंडल की गैसें (Gases of the Atmosphere)

4.1 प्रमुख गैसें और उनका प्रतिशत

(समुद्र तल पर आयतन के आधार पर)

(i) नाइट्रोजन (N₂) — 78%

  • सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस।
  • जैविक और रासायनिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है।
  • वायुमंडल में लगभग निष्क्रिय रहती है।

(ii) ऑक्सीजन (O₂) — 21%

  • जीवन एवं दहन के लिए अनिवार्य।
  • पादपों द्वारा प्रकाश-संश्लेषण से निर्मित।
  • वातावरण का संतुलन बनाए रखती है।

(iii) आर्गन (Ar) — 0.93%

  • एक निष्क्रिय गैस।
  • कोई प्रमुख रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं करती।

(iv) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) — 0.04% (परिवर्तनशील)

  • महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस।
  • सौर दीर्घ-तरंग विकिरण को अवशोषित करती है।
  • उद्योग, परिवहन और वनों की कटाई से इसकी मात्रा बढ़ रही है।
  • पौधों के प्रकाश-संश्लेषण के लिए आवश्यक।

(v) ओज़ोन (O₃) — अल्प मात्रा

  • समतापमंडल में केंद्रित (20–35 किमी)।
  • हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकती है।
  • पृथ्वी के ऊपरी वातावरण को गर्म रखने में सहायक।

5. वायुमंडल के अन्य घटक (Other Components)

5.1 जलवाष्प (Water Vapour)

  • मात्रा: 0–4% तक परिवर्तनशील।
  • तापमान एवं आर्द्रता को नियंत्रित करती है।
  • बादल निर्माण और वर्षा में मुख्य भूमिका।
  • अधिक जलवाष्प वाले क्षेत्रों में तापांतर कम होता है।

5.2 धूल कण (Dust Particles)

  • स्रोत: ज्वालामुखी, मिट्टी, समुद्री नमक, परागकण, प्रदूषण आदि।
  • बादल-निर्माण के लिए संघनन केंद्र (Condensation Nuclei) का कार्य।
  • सुंदर सूर्योदय और सूर्यास्त इन्हीं के कारण संभव।

5.3 एरोसोल (Aerosols)

  • वायु में निलंबित सूक्ष्म कण।
  • सूर्य के विकिरण को प्रतिबिंबित कर वायुमंडल को ठंडा करते हैं।
  • कुछ एरोसोल वर्षा के निर्माण में भी मदद करते हैं।

6. वायुमंडल की संरचना (Structure of the Atmosphere)

वायुमंडल की संरचना तापमान के आधार पर कई परतों में विभाजित है।

6.1 क्षोभमंडल (Troposphere) — 0 से 12 किमी

  • वायुमंडल का 75% द्रव्यमान यहाँ होता है।
  • सभी मौसमीय घटनाएँ यहीं घटित होती हैं।
  • तापमान ऊँचाई के साथ कम होता है (औसत कमी: 6.5°C प्रति किमी)।
  • ऊपरी सीमा: क्षोभक्षेत्र (Tropopause)

6.2 समतापमंडल (Stratosphere) — 12 से 50 किमी

  • ओज़ोन परत इस क्षेत्र में (20–35 किमी)।
  • तापमान ऊँचाई के साथ बढ़ता है।
  • स्थिरता के कारण जेट विमान यहाँ उड़ते हैं।

6.3 मध्यमंडल (Mesosphere) — 50 से 80 किमी

  • तापमान ऊँचाई के साथ घटता है।
  • वायुमंडल का सबसे ठंडा भाग।
  • उल्का पिंड इसी परत में जलते हैं।

6.4 तापमंडल (Thermosphere) — 80 से 400 किमी

  • तापमान तेजी से बढ़ता है।
  • आयनमंडल रेडियो तरंगों के परावर्तन में सहायक।
  • अरोरा इसी परत में उत्पन्न होते हैं।

6.5 बहिर्मंडल (Exosphere) — 400 किमी से ऊपर

  • हाइड्रोजन एवं हीलियम की अत्यंत विरल परत।
  • यह धीरे-धीरे अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है।
  • उपग्रह इस परत में परिक्रमा करते हैं।

7. मौसम तथा जलवायु के तत्व (Elements of Weather and Climate)

7.1 तापमान (Temperature)

  • वायुमंडलीय ऊष्मा का माप।
  • अक्षांश, ऊँचाई, बादल, समुद्र की निकटता तथा धरातलीय आवरण से प्रभावित।

7.2 वायुदाब (Atmospheric Pressure)

  • किसी स्थान पर वायु का भार।
  • ऊँचाई बढ़ने पर दबाव घटता है।
  • उच्च एवं निम्न दबाव क्षेत्र पवन प्रणाली को नियंत्रित करते हैं।

7.3 पवन (Wind)

  • उच्च दबाव क्षेत्र से निम्न दबाव क्षेत्र की ओर वायु की क्षैतिज गति।
  • उदाहरण: व्यापारिक पवन, मानसून, पश्चिमी पवनें, स्थानीय पवन जैसे—लू, फेहन, चिनूक।

7.4 आद्र्रता (Humidity)

  • वायु में जलवाष्प की मात्रा।
  • अधिक आर्द्रता से वर्षा और बादल बनते हैं।

7.5 बादल (Clouds)

  • संघनित जलवाष्प के समूह।
  • चार मुख्य प्रकार: सिरस, क्यूम्यूलस, स्ट्रेटस, निम्बस।
  • आगामी मौसम की सूचना देने में सहायक।

7.6 वर्षण (Precipitation)

  • वर्षा, हिमपात, शिला-वृष्टि, ओले आदि।
  • तीन प्रकार:
    1. पर्वतीय (Orographic)
    2. चक्रवाती (Cyclonic)
    3. संवहन (Convectional)

7.7 सौर विकिरण (Solar Radiation)

  • सूर्य से प्राप्त ऊर्जा।
  • पृथ्वी के ताप वितरण, पवन, दाब क्षेत्र और जलवायु को नियंत्रित करती है।

8. जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Climate)

8.1 अक्षांश (Latitude)

  • भूमध्यरेखा के समीप अधिक गर्मी।
  • ध्रुवीय क्षेत्रों में कम सूर्य ऊर्जा।

8.2 ऊँचाई (Altitude)

  • ऊँचे क्षेत्रों में तापमान कम।
  • पर्वतीय जलवायु सदैव ठंडी।

8.3 समुद्र से दूरी (Distance from Sea)

  • तटीय क्षेत्र मध्यम (Moderate) जलवायु वाले।
  • भीतरी क्षेत्र चरम जलवायु वाले।

8.4 समुद्री धाराएँ (Ocean Currents)

  • गर्म धाराएँ तापमान बढ़ाती हैं।
  • ठंडी धाराएँ तापमान कम करती हैं।
  • वर्षा वितरण पर गहरा प्रभाव।

8.5 स्थलाकृति (Relief / Topography)

  • पर्वत पवन और वर्षा को रोकते हैं।
  • पवनसत्त्व (Windward) और वर्षाछाया (Leeward) क्षेत्र बनते हैं।

8.6 वनस्पति (Vegetation)

  • तापमान को नियंत्रित करती है।
  • ऑक्सीजन और नमी बढ़ाती है।

8.7 मानव क्रियाएँ (Human Activities)

  • प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि।
  • शहरी ऊष्मा द्वीप (Urban Heat Island) का निर्माण।
  • भूमि उपयोग परिवर्तन जलवायु को प्रभावित करता है।

9. वैश्विक जलवायु के प्रकार (Global Climate types – संक्षेप में)

  • भूमध्यरेखीय जलवायु
  • उष्णकटिबंधीय मानसूनी
  • मरुस्थलीय
  • भूमध्यसागरीय
  • उपध्रुवीय
  • ध्रुवीय

इन जलवायु क्षेत्रों की पहचान तापमान, वर्षा एवं ऋतुचक्र के आधार पर होती है।


10. जलवायु अध्ययन का महत्व (Importance of Studying Climate)

  • मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन में सहायक।
  • कृषि और फसल चयन का आधार।
  • जल संसाधन योजना में आवश्यक।
  • वैश्विक ऊष्मीकरण और जलवायु परिवर्तन को समझने में सहायक।
  • जीवन शैली, बस्तियों का विकास और आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव।

11. निष्कर्ष (Conclusion)

  • जलवायु पृथ्वी की सतह पर घटित सभी प्राकृतिक प्रक्रियाओं की आधारशिला है।
  • वायुमंडल का संघटन और संरचना पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
  • मौसम और जलवायु का अध्ययन हमें मौसम परिवर्तन, वर्षा, तापमान तथा पवन के दीर्घकालिक स्वरूप को समझने में सहायता करता है।
  • जलवायु पर प्राकृतिक तथा मानवीय दोनों प्रकार के कारकों का प्रभाव पड़ता है।
  • वर्तमान समय में बढ़ता प्रदूषण, ग्रीनहाउस गैसें तथा भूमि उपयोग परिवर्तन जलवायु को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं—इसलिए जलवायु अध्ययन और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
  • संतुलित और सतत विकास के लिए जलवायु का वैज्ञानिक समझ अत्यंत आवश्यक है।

Leave a Reply

Scroll to Top