CBSE Sample Paper – भारतीय अर्थव्यवस्था 1950–1990
निर्देश (Instructions)
- सभी प्रश्नों के उत्तर हिंदी या अंग्रेज़ी में लिखें।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- विभिन्न प्रकार के प्रश्न: लघु, माध्यम और दीर्घ उत्तर शामिल हैं।
भाग A – बहुत छोटे उत्तर (Very Short Answer) [प्रत्येक 1 अंक]
- भारत ने स्वतंत्रता के बाद किस प्रकार की अर्थव्यवस्था अपनाई? उत्तर: मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy)
- पाँच वर्षीय योजनाओं के मुख्य उद्देश्य बताइए। उत्तर: विकास, आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता, समानता।
- हरित क्रांति का उद्देश्य क्या था? उत्तर: कृषि उत्पादन बढ़ाना और खाद्य आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना।
- औद्योगिक नीति 1956 (IPR 1956) का मुख्य उद्देश्य क्या था? उत्तर: सार्वजनिक क्षेत्र को प्राथमिकता देना और रणनीतिक उद्योगों का विकास।
- आयात प्रतिस्थापन नीति क्या है? उत्तर: विदेशी वस्तुओं के बजाय घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना।
भाग B – लघु उत्तर (Short Answer) [प्रत्येक 3 अंक]
- भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था का महत्व समझाइए। उत्तर: मिश्रित अर्थव्यवस्था में सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों की भूमिका होती है। यह आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और समानता सुनिश्चित करती है।
- कृषि क्षेत्र में प्रमुख पहलें कौन-कौन सी थीं और उनका परिणाम क्या हुआ? उत्तर: प्रमुख पहलें: भूमि सुधार और हरित क्रांति। परिणाम: अनाज उत्पादन में वृद्धि, खाद्य आत्मनिर्भरता, लेकिन कृषि पर निर्भर जनसंख्या में कमी अपेक्षित नहीं हुई।
- औद्योगिक क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भूमिका समझाइए। उत्तर: सार्वजनिक क्षेत्र रणनीतिक उद्योगों और बुनियादी ढांचे में निवेश करता है। निजी क्षेत्र सीमित क्षेत्रों में उत्पादन करता है। सार्वजनिक क्षेत्र की अक्षमता और घाटा एक समस्या थी।
- मूल्य संकेतक (Prices as Signals) के महत्व को बताइए। उत्तर: मूल्य संकेतक बताते हैं कि कौन-सी वस्तु की मांग अधिक है। यह उत्पादन और वितरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
भाग C – दीर्घ उत्तर (Long Answer) [प्रत्येक 5–6 अंक]
- 1950–1990 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य पहलुओं का विस्तृत वर्णन कीजिए। उत्तर: स्वतंत्रता के बाद भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई। पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास, औद्योगिकीकरण और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की गई। कृषि क्षेत्र में भूमि सुधार और हरित क्रांति से उत्पादन बढ़ा। औद्योगिक नीति 1956 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई और आयात प्रतिस्थापन नीति अपनाई गई। इससे औद्योगिक उत्पादन बढ़ा। सार्वजनिक क्षेत्र की अक्षमता और घाटा कुछ चुनौतियाँ थीं। मूल्य संकेतक उत्पादन और वितरण में मार्गदर्शन करते थे।
- पाँच वर्षीय योजनाओं के उद्देश्यों और उनके प्रभाव का विश्लेषण कीजिए। उत्तर: पाँच वर्षीय योजनाओं के उद्देश्य: आर्थिक विकास, आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और समानता। प्रभाव: राष्ट्रीय आय में वृद्धि, कृषि उत्पादन में सुधार, औद्योगिकीकरण में वृद्धि, खाद्य आत्मनिर्भरता। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अपेक्षित विकास नहीं हुआ, जैसे कृषि पर निर्भरता का अनुपात। योजनाओं ने विकास के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र का संतुलन स्थापित किया।
- आयात प्रतिस्थापन नीति और औद्योगिक विकास के बीच संबंध समझाइए। उत्तर: आयात प्रतिस्थापन नीति के तहत विदेशी वस्तुओं के बजाय घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया गया। इससे उद्योगों में निवेश और उत्पादन में वृद्धि हुई। घरेलू उद्योगों ने बाजार में प्रतिस्पर्धा को अपनाया, उत्पादन बढ़ा और निर्यात की संभावनाएँ उत्पन्न हुईं। यह नीति औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण थी, हालांकि कुछ क्षेत्रीय असफलताएँ भी हुईं।
कुल अंक: 50 भाग A – 5×1=5 अंक, भाग B – 4×3=12 अंक, भाग C – 3×5=15 अंक। बाकी अंक प्रश्नों और ग्राफिकल/चित्रात्मक उत्तर के लिए दिए जा सकते हैं।
