सरकारी बजट और अर्थव्यवस्था – अध्ययन गाइड (अध्याय 5)
1. सरकारी बजट — अर्थ और घटक
सरकारी बजट किसी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजनाबद्ध आय और व्यय का लेखा-जोखा है। यह सार्वजनिक वित्त का प्रबंधन और नीतिगत प्राथमिकताओं का प्रस्तुतीकरण है।
- प्राप्तियाँ (Revenue and Capital Receipts)
- व्यय (Revenue and Capital Expenditure)
- वित्तीय अंतर (Fiscal Balance)
2. सरकार के उद्देश्य
- आवंटन (Allocation) – सार्वजनिक सेवाओं और अवसंरचना के लिए संसाधन आवंटित करना।
- वितरण (Distribution) – कर और हस्तांतरण के माध्यम से आय का पुनर्वितरण।
- स्थिरीकरण (Stabilisation) – अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना।
- विकास (Growth) – दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहित करना।
3. सरकार की भूमिका
- सार्वजनिक वस्तुओं और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना।
- बाजार असफलताओं का सुधार और नियमन करना।
- आय का पुनर्वितरण और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
- आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।
4. प्राप्तियों का वर्गीकरण
| प्रकार | शामिल | विशेषता |
|---|---|---|
| राजस्व प्राप्तियाँ (Revenue Receipts) | कर आय, गैर-कर आय | नियमित; देनदारी नहीं बनातीं |
| पूंजीगत प्राप्तियाँ (Capital Receipts) | ऋण, ऋण वसूली, विनिवेश | आमतौर पर देनदारी बनाती हैं या संपत्ति घटाती हैं |
5. राजस्व प्राप्तियाँ
- कर राजस्व: प्रत्यक्ष कर (आयकर, कॉर्पोरेट कर), अप्रत्यक्ष कर (GST, सीमा शुल्क)।
- गैर-कर राजस्व: सार्वजनिक उपक्रमों से लाभांश, शुल्क, जुर्माना, ब्याज आय।
6. व्यय का वर्गीकरण
| प्रकार | शामिल | उद्देश्य |
|---|---|---|
| राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) | वेतन, सब्सिडी, ब्याज भुगतान, पेंशन | नियमित खर्च; परिसंपत्ति नहीं बनाते |
| पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) | इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, पूंजीगत अनुदान, ऋण देना | संपत्ति बनाते हैं या देनदारी घटाते हैं |
7. संतुलित, अधिशेष और घाटा बजट
- संतुलित बजट: कुल प्राप्तियाँ = कुल व्यय।
- अधिशेष बजट: प्राप्तियाँ > व्यय।
- घाटा बजट: व्यय > प्राप्तियाँ।
वित्तीय घाटा = कुल व्यय − (राजस्व प्राप्तियाँ + गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियाँ)
राजस्व घाटा = राजस्व व्यय − राजस्व प्राप्तियाँ
प्रायमरी घाटा = वित्तीय घाटा − ब्याज भुगतान
राजस्व घाटा = राजस्व व्यय − राजस्व प्राप्तियाँ
प्रायमरी घाटा = वित्तीय घाटा − ब्याज भुगतान
8. सरकारी घाटे का मापन
| माप | सूत्र / अर्थ |
|---|---|
| वित्तीय घाटा | कुल व्यय − (राजस्व प्राप्तियाँ + गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियाँ) |
| राजस्व घाटा | राजस्व व्यय − राजस्व प्राप्तियाँ |
| प्रायमरी घाटा | वित्तीय घाटा − ब्याज भुगतान |
9. राजकोषीय नीति
- विस्तारित नीति: व्यय बढ़ाना या कर घटाना → समग्र माँग व रोजगार बढ़ता है।
- संकोचन नीति: व्यय घटाना या कर बढ़ाना → माँग घटती है।
10. सरकारी व्यय में परिवर्तन
सरकारी व्यय में परिवर्तन समग्र माँग और आय पर गुणक प्रभाव डालता है:
ΔY = k × ΔG, जहाँ k = 1 / (1 − c(1 − t))
11. करों में परिवर्तन
- कर कटौती: उपलब्ध आय बढ़ती है → उपभोग व समग्र माँग बढ़ती है।
- कर वृद्धि: उपलब्ध आय घटती है → उपभोग व माँग घटती है।
12. सार्वजनिक ऋण
- ऋण स्थिरता: कर्ज/जीडीपी अनुपात और ब्याज-भुगतान क्षमता।
- उपयोग: उत्पादक निवेश बनाम राजस्व वित्तपोषण।
- अंतर-पीढ़ीय प्रभाव: अत्यधिक उधार भविष्य की पीढ़ियों पर कर-भार छोड़ सकता है।
13. वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003
- वित्तीय संकेतकों के लक्ष्य।
- मध्यम अवधि में कर्ज घटाने की प्रतिबद्धता।
- पारदर्शी रिपोर्टिंग और बजट प्रकटीकरण।
14. GST: एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार
- वस्तु और सेवा कर (GST) ने अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरलीकृत किया।
- कर आधार का विस्तार और कर-कैंसैडरिंग घटाना।
- राजस्व में सुधार और आंतरिक बाजार को एकीकृत करना।
15. सारांश टेबल — प्रमुख परिभाषाएँ एवं सूत्र
| शब्द | परिभाषा / सूत्र |
|---|---|
| वित्तीय घाटा | कुल व्यय − (राजस्व प्राप्तियाँ + गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियाँ) |
| राजस्व घाटा | राजस्व व्यय − राजस्व प्राप्तियाँ |
| प्रायमरी घाटा | वित्तीय घाटा − ब्याज भुगतान |
| राजकोषीय नीति | सरकारी व्यय व करों के माध्यम से आर्थिक स्थिरीकरण |
