psychology class 12 CBSE अध्याय 4


**अध्याय 4 – मनोवैज्ञानिक विकार

(PSYCHOLOGICAL DISORDERS)
विस्तृत बिंदुवार नोट्स – हिंदी**


1. परिचय (Introduction)

  • मनोवैज्ञानिक विकार ऐसे असामान्य विचारों, भावनाओं और व्यवहारों के पैटर्न हैं जो व्यक्ति के जीवन में तनाव, बाधा और सामाजिक/व्यक्तिगत अव्यवस्था उत्पन्न करते हैं।
  • यह विकार व्यक्ति के
    • काम
    • पढ़ाई
    • संबंध
    • निजी जीवन
    • भावनात्मक स्थिरता
      को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
  • आधुनिक मनोविज्ञान में मानसिक विकारों को नैतिक कमजोरी नहीं, बल्कि चिकित्सित किए जा सकने वाले स्वास्थ्य-सम्बंधी विकार माना जाता है।
  • निदान के लिए वैज्ञानिक प्रणालियाँ—
    • ICD-11 (WHO)
    • DSM-5 (APA)
      उपयोग की जाती हैं।
  • जागरूकता, परामर्श और उपचार मानसिक विकारों को नियंत्रित और प्रबंधित करने में सहायक होते हैं।

**2. असामान्यता एवं मनोवैज्ञानिक विकार की अवधारणा

(Concepts of Abnormality and Psychological Disorders)**


A. असामान्यता का अर्थ (Meaning of Abnormality)

किसी व्यवहार को असामान्य मानने के विभिन्न मानदंड—

1. सांख्यिकीय दुर्लभता (Statistical Infrequency)

  • जो व्यवहार बहुत कम लोगों में पाया जाता है, उसे असामान्य माना जाता है।
  • उदाहरण: अत्यधिक डर, बहुत कम या बहुत अधिक बुद्धि स्तर।

2. सामाजिक मानदंडों का उल्लंघन (Violation of Social Norms)

  • समाज के नियमों और मूल्यों के विपरीत व्यवहार।
  • उदाहरण: आक्रामकता, असामान्य वस्त्र, अनुचित सामाजिक व्यवहार।

3. अव्यवहारिकता (Maladaptive Behaviour)

  • ऐसा व्यवहार जो व्यक्ति के दैनिक कार्यों में बाधा डाले।
  • उदाहरण: अत्यधिक चिंता के कारण स्कूल/कॉलेज न जाना।

4. व्यक्तिगत तनाव (Personal Distress)

  • गहरा दुख, भय, चिंता, रोना, मानसिक दर्द।

5. दैनिक कार्यक्षमता का प्रभावित होना (Functional Impairment)

  • काम, सामाजिक जीवन, संबंध, आत्म-देखभाल में बाधा।

6. सांस्कृतिक संदर्भ (Cultural Relativity)

  • एक संस्कृति में सामान्य, दूसरी में असामान्य।
  • सामान्यता हमेशा सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंडों पर निर्भर करती है।

B. मनोवैज्ञानिक विकार का अर्थ (Meaning of Psychological Disorder)

मनोवैज्ञानिक विकार वह स्थिति है जिसमें—

व्यक्ति के विचार, भावनाएँ और व्यवहार इतने अप्राकृतिक या असंतुलित हो जाते हैं कि उसे तनाव, कार्यक्षमता में भारी कमी और सामाजिक समस्याएँ होने लगती हैं।

मुख्य विशेषताएँ—

  • मानसिक असंतुलन
  • भावनात्मक नियंत्रण में कमी
  • सामाजिक/निजी जीवन पर विपरीत प्रभाव
  • सोचने-समझने की क्षमता में कमी
  • स्थायी या बार-बार होने वाले लक्षण

**3. मनोवैज्ञानिक विकारों का वर्गीकरण

(Classification of Psychological Disorders)**


A. ICD-11 (International Classification of Diseases – WHO)

यही भारत में प्रचलित है। कुछ मुख्य श्रेणियाँ—

  • भावनात्मक विकार
  • चिंता विकार
  • तनाव-सम्बंधी विकार
  • न्यूरो-विकासीय विकार
  • स्किज़ोफ्रेनिया स्पेक्ट्रम
  • व्यक्तित्व विकार
  • व्यसन (Addiction) विकार
  • नींद सम्बन्धी विकार
  • शारीरिक लक्षण एवं संबंधित विकार

B. DSM-5 (Diagnostic and Statistical Manual)

  • वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक उद्धृत।
  • विकारों को लक्षणों, अवधि और व्यवहार पैटर्न के आधार पर वर्गीकृत करता है।

**4. असामान्य व्यवहार के कारण

(Factors Underlying Abnormal Behaviour)**


A. जैविक कारण (Biological Factors)

  1. आनुवंशिकता (Genetics)
  2. न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन – डोपामिन, सेरोटोनिन
  3. मस्तिष्क की संरचना/कार्य में गड़बड़ी
  4. हार्मोनल असंतुलन
  5. शारीरिक रोग – जैसे हाइपोथायराइडिज़्म आदि

B. मनोवैज्ञानिक कारण (Psychological Factors)

  1. भावनात्मक संघर्ष
  2. नकारात्मक सोच और संज्ञानात्मक विकृतियाँ
  3. बाल्यावस्था के आघात
  4. सीखे हुए असहायपन (Learned Helplessness)
  5. कमज़ोर सामना करने की क्षमता

C. सामाजिक एवं पर्यावरणीय कारण

  1. तनावपूर्ण जीवन घटनाएँ
  2. कमज़ोर पारिवारिक समर्थन
  3. गरीबी, बेरोज़गारी, प्रतिस्पर्धा
  4. अकेलापन, सामाजिक अलगाव
  5. शहरी तनाव और अकादमिक दबाव

D. सांस्कृतिक कारण

  1. संस्कृति लक्षणों को प्रभावित करती है।
  2. कुछ विकार विशेष संस्कृतियों में अधिक पाए जाते हैं।
  3. सामाजिक कलंक (Stigma) उपचार में बाधा बनता है।

**5. प्रमुख मनोवैज्ञानिक विकार

(Major Psychological Disorders)**


A. चिंता विकार (Anxiety Disorders)

1. सामान्यीकृत चिंता विकार (GAD)

  • लगातार, अनियंत्रित चिंता।
  • लक्षण: बेचैनी, सिरदर्द, मांसपेशियों में तनाव, नींद की समस्या।

2. पैनिक विकार (Panic Disorder)

  • अचानक तीव्र भय के दौरे जिन्हें panic attack कहते हैं।
  • लक्षण: दिल तेज़ धड़कना, पसीना, चक्कर, मौत का डर।

3. फोबिया (Phobias)

  • अत्यंत तर्कहीन भय।
  • प्रकार:
    • विशिष्ट फोबिया
    • सामाजिक फोबिया
    • एगोराफोबिया

B. ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव एवं संबंधित विकार

1. OCD (Obsessive–Compulsive Disorder)

  • Obsessions: अवांछित, बार-बार आने वाले विचार
  • Compulsions: बार-बार किए जाने वाले कार्य

2. बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसॉर्डर

  • रूप-रंग में छोटी खामी को भी बड़ा मानना।

C. आघात और तनाव से संबंधित विकार (Trauma & Stress Disorders)

PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder)

  • गंभीर आघात के बाद उत्पन्न।
  • लक्षण: दुःस्वप्न, फ्लैशबैक, चिड़चिड़ापन, भय, सोने में कठिनाई।

D. शारीरिक लक्षण एवं संबंधित विकार

1. Somatic Symptom Disorder

  • बिना चिकित्सकीय कारण के शारीरिक शिकायतें।

2. Conversion Disorder

  • बिना जैविक कारण के अचानक शरीर का कुछ हिस्सा काम न करना (जैसे अंधापन, लकवा)।

E. विभक्तिकरण विकार (Dissociative Disorders)

1. Dissociative Amnesia

  • व्यक्तिगत जानकारी भूल जाना।

2. Dissociative Fugue

  • अचानक घर छोड़कर भटक जाना + पहचान भूल जाना।

3. Dissociative Identity Disorder

  • एक व्यक्ति में दो या अधिक पहचानें मौजूद।

F. मनोदशा विकार (Mood Disorders)

1. Major Depressive Disorder

  • गहरी उदासी, ऊर्जा की कमी, भूख/नींद में बदलाव, बेकार होने का भाव, आत्महत्या के विचार।

2. Bipolar Disorder

  • मेनिया (उत्साह, बढ़ी ऊर्जा) और अवसाद (उदासी) के एपिसोड।

G. स्किज़ोफ्रेनिया स्पेक्ट्रम विकार

विशेषताएँ—

सकारात्मक लक्षण

  • भ्रम (Delusions)
  • मतिभ्रम (Hallucinations)
  • असंगठित वाक्
  • विचित्र व्यवहार

नकारात्मक लक्षण

  • भावनात्मक ठंडापन
  • प्रेरणा की कमी
  • सामाजिक अलगाव

संज्ञानात्मक लक्षण

  • ध्यान की कमी
  • स्मृति में समस्याएँ

H. पदार्थ दुरुपयोग एवं व्यसन विकार (Substance Use Disorders)

  • शराब, ड्रग्स, निकोटीन आदि पर निर्भरता।
  • लक्षण: craving, withdrawal, tolerance, सामाजिक-वैयक्तिक गड़बड़ी।

I. न्यूरो-विकासीय विकार

1. Autism Spectrum Disorder

  • सामाजिक संचार में कमी
  • दोहराए जाने वाले व्यवहार

2. ADHD

  • ध्यान की कमी
  • अत्यधिक सक्रियता
  • आवेगशीलता

J. व्यक्तित्व विकार (Personality Disorders)

  • पैरानॉयड व्यक्तित्व विकार — अविश्वास
  • बॉर्डरलाइन व्यक्तित्व विकार — अस्थिर भावनाएँ, संबंध
  • एंटीसोशल व्यक्तित्व विकार — नियमों की अवहेलना
  • अवॉइडेंट व्यक्तित्व विकार — सामाजिक भय

6. निष्कर्ष (Conclusion)

  • मनोवैज्ञानिक विकार वास्तविक और वैज्ञानिक रूप से मान्य स्वास्थ्य स्थितियाँ हैं।
  • इनका कारण जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का सम्मिलित प्रभाव होता है।
  • समय पर पहचान, उचित निदान और उपचार (थेरेपी + दवा + सामाजिक समर्थन) अत्यंत आवश्यक हैं।
  • मानसिक विकारों के प्रति कलंक कम करना समाजिक स्वास्थ्य की दिशा में महत्वपूर्ण है।
  • यह अध्याय मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता को समझने में मदद करता है।

Leave a Reply

Scroll to Top