political science CBSE class 12th course A अध्याय 2 sample paper


🧭 राजनीति विज्ञान – कक्षा 12 (CBSE कोर्स A)

अध्याय 2: समकालीन शक्ति केंद्र


🟩 सेक्शन A – बहुत लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक प्रत्येक)

❓प्रश्न 1:

यूरोपीय संघ (EU) की स्थापना किस संधि से हुई थी?
उत्तर: मास्ट्रिख संधि (Maastricht Treaty), 1992।


❓प्रश्न 2:

ASEAN का पूर्ण रूप क्या है?
उत्तर: Association of South East Asian Nations (दक्षिण–पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ)।


❓प्रश्न 3:

चीन में आर्थिक सुधार किस नेता ने प्रारंभ किए थे?
उत्तर: डेंग शियाओपिंग (Deng Xiaoping)।


❓प्रश्न 4:

भारत और चीन के बीच युद्ध कब हुआ था?
उत्तर: 1962 में।


❓प्रश्न 5:

यूरोपीय संघ की सामान्य मुद्रा क्या है?
उत्तर: यूरो (€)।


❓प्रश्न 6:

ASEAN का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तर: जकार्ता, इंडोनेशिया।


❓प्रश्न 7:

“विश्व की फैक्ट्री” किस देश को कहा जाता है?
उत्तर: चीन।


❓प्रश्न 8:

भारत और चीन किन संगठनों में साझेदार हैं?
उत्तर: BRICS, SCO और G20।


❓प्रश्न 9:

EU की सबसे बड़ी ताकत क्या है?
उत्तर: सॉफ्ट पावर (Soft Power)।


❓प्रश्न 10:

ASEAN की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
उत्तर: 8 अगस्त 1967।


🟩 सेक्शन B – लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक प्रत्येक)

❓प्रश्न 11:

यूरोपीय संघ के मुख्य उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:

  1. यूरोप में शांति, स्थिरता और प्रगति बनाए रखना।
  2. एक समान बाजार और समान मुद्रा की स्थापना।
  3. विदेश नीति और सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करना।

❓प्रश्न 12:

ASEAN Way का क्या अर्थ है?
उत्तर:
ASEAN Way का मतलब है — मतभेदों का समाधान बातचीत, आपसी सहयोग और सहमति से करना, न कि बल प्रयोग से।


❓प्रश्न 13:

EU के प्रमुख संस्थान कौन–कौन से हैं?
उत्तर:

  1. यूरोपीय संसद
  2. यूरोपीय आयोग
  3. यूरोपीय परिषद
  4. यूरोपीय न्यायालय

❓प्रश्न 14:

चीन के चार आधुनिकीकरण क्या थे?
उत्तर:

  1. कृषि
  2. उद्योग
  3. रक्षा
  4. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास

❓प्रश्न 15:

भारत–चीन के बीच प्रमुख मतभेद लिखिए।
उत्तर:

  1. सीमा विवाद
  2. तिब्बत और दलाई लामा मुद्दा
  3. व्यापार असंतुलन
  4. चीन–पाकिस्तान सहयोग

❓प्रश्न 16:

EU की आर्थिक सफलता के दो कारण बताइए।
उत्तर:

  1. समान मुद्रा ‘यूरो’ से व्यापार सरल हुआ।
  2. एकल बाजार नीति से आर्थिक विकास तेज हुआ।

❓प्रश्न 17:

ASEAN के सदस्य देशों की संख्या कितनी है?
उत्तर: 10 देश – इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया।


❓प्रश्न 18:

भारत–चीन आर्थिक सहयोग के क्षेत्र कौन–कौन से हैं?
उत्तर:

  1. व्यापार और निवेश
  2. विज्ञान–तकनीकी सहयोग
  3. ऊर्जा और बुनियादी ढांचा
  4. वैश्विक मंचों पर समन्वय

❓प्रश्न 19:

चीन की “ओपन डोर पॉलिसी” क्या थी?
उत्तर:
विदेशी निवेश और व्यापार के लिए चीनी अर्थव्यवस्था को खोलना, जिससे देश में विदेशी पूंजी और तकनीक आ सके।


❓प्रश्न 20:

ASEAN का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
दक्षिण–पूर्व एशिया में शांति, स्थिरता और विकास सुनिश्चित करना।


🟩 सेक्शन C – दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (4 अंक प्रत्येक)

❓प्रश्न 21:

EU को “अधिराष्ट्रीय संगठन” क्यों कहा जाता है?
उत्तर:

  1. EU के पास अपने सदस्य देशों से अधिक निर्णय–शक्ति है।
  2. यह साझा नीतियों जैसे व्यापार, मुद्रा, पर्यावरण पर निर्णय लेता है।
  3. सदस्य देश अपनी संप्रभुता EU के साथ साझा करते हैं।
  4. अतः इसे “सुपरनेशनल ऑर्गनाइजेशन” कहा जाता है।

❓प्रश्न 22:

ASEAN की उपलब्धियाँ बताइए।
उत्तर:

  1. क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग बढ़ाया।
  2. आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिला।
  3. ASEAN मुक्त व्यापार क्षेत्र (AFTA) की स्थापना।
  4. सदस्य देशों के बीच युद्ध नहीं हुआ।
  5. क्षेत्रीय पहचान को मज़बूत किया।

❓प्रश्न 23:

चीन के आर्थिक सुधारों ने विश्व अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर:

  1. चीन “विश्व की फैक्ट्री” बन गया।
  2. सस्ते और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की आपूर्ति की।
  3. विदेशी निवेश को आकर्षित किया।
  4. एशिया और अफ्रीका में चीन का प्रभाव बढ़ा।
  5. वैश्विक आर्थिक शक्ति–संतुलन बदला।

❓प्रश्न 24:

भारत–चीन संबंधों में सहयोग और प्रतिस्पर्धा दोनों क्यों हैं?
उत्तर:
सहयोग:

  1. BRICS, SCO, G20 जैसे मंचों पर साथ।
  2. व्यापार और निवेश।
  3. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर साझेदारी।

प्रतिस्पर्धा:

  1. सीमा विवाद।
  2. एशियाई प्रभुत्व की प्रतिस्पर्धा।
  3. चीन–पाकिस्तान गठजोड़।
  4. इंडो–पैसिफिक रणनीतिक तनाव।

❓प्रश्न 25:

EU और ASEAN की तुलना करें।

बिंदुयूरोपीय संघ (EU)ASEAN
स्थापना वर्ष19921967
क्षेत्रयूरोपदक्षिण–पूर्व एशिया
मुद्रायूरोनहीं
उद्देश्यएकता और आर्थिक शक्तिशांति और स्थिरता
नीतिकानून आधारितसहमति आधारित
प्रभाववैश्विक शक्तिक्षेत्रीय शक्ति

🟩 सेक्शन D – निबंधात्मक प्रश्न (6 अंक प्रत्येक)

❓प्रश्न 26:

“समकालीन शक्ति केंद्रों” के उभरने ने विश्व व्यवस्था को कैसे बदला?
उत्तर:

  1. शीत युद्ध के बाद अमेरिका अकेला महाशक्ति बना।
  2. धीरे–धीरे यूरोपीय संघ, ASEAN, चीन, भारत जैसे केंद्र उभरे।
  3. अब विश्व बहुध्रुवीय (Multipolar) बन गया है।
  4. आर्थिक शक्ति को राजनीतिक प्रभाव में बदला गया।
  5. अंतरराष्ट्रीय संतुलन और सहयोग बढ़ा।
  6. यह नई विश्व व्यवस्था को संतुलित बनाता है।

❓प्रश्न 27:

EU की सफलता और चुनौतियों का विश्लेषण करें।
उत्तर:
सफलताएँ:

  1. विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक ब्लॉक।
  2. समान मुद्रा और साझा बाजार।
  3. शांति, लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा।

चुनौतियाँ:

  1. ब्रेक्सिट संकट।
  2. प्रवासी संकट।
  3. सदस्य देशों में राष्ट्रवाद का उदय।

निष्कर्ष:
EU ने यूरोप को एकजुट किया और विश्व में स्थिरता का उदाहरण पेश किया।


❓प्रश्न 28:

चीन के उत्थान से भारत की विदेश नीति पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:

  1. भारत ने “Look East” और “Act East” नीति शुरू की।
  2. ASEAN देशों से संबंध मजबूत किए।
  3. QUAD जैसे गठबंधनों में शामिल हुआ।
  4. आत्मनिर्भर भारत योजना से घरेलू उत्पादन बढ़ाया।
  5. कूटनीतिक रूप से संतुलन नीति अपनाई।

❓प्रश्न 29:

ASEAN ने एशिया में स्थिरता कैसे स्थापित की?
उत्तर:

  1. सदस्य देशों के बीच युद्ध नहीं हुआ।
  2. ASEAN Way ने संवाद की संस्कृति दी।
  3. क्षेत्रीय मंच (ARF) से सुरक्षा सहयोग बढ़ा।
  4. आर्थिक विकास पर ध्यान दिया गया।
  5. दक्षिण–पूर्व एशिया को विकासशील क्षेत्र बनाया।

❓प्रश्न 30:

भारत और चीन की तुलना कीजिए।

क्षेत्रभारतचीन
शासन प्रणालीलोकतांत्रिकसाम्यवादी
सुधार वर्ष19911978
मुख्य शक्तिसेवा और आईटीविनिर्माण और निर्यात
जनसंख्यायुवावृद्ध होती
वैश्विक प्रभावसॉफ्ट पावरसैन्य और आर्थिक
निष्कर्षस्थिर लोकतंत्रतेज आर्थिक विकास

🟩 सेक्शन E – मूल्य आधारित प्रश्न (2 अंक प्रत्येक)

❓प्रश्न 31:

EU और ASEAN से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:

  1. सहयोग और संवाद से स्थिरता संभव है।
  2. साझा नीतियों से क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित होता है।

❓प्रश्न 32:

भारत चीन से क्या सबक ले सकता है?
उत्तर:

  1. दीर्घकालिक आर्थिक योजना और अनुशासन।
  2. विज्ञान, शिक्षा और तकनीकी निवेश में निरंतरता।

🧭 निष्कर्ष (Conclusion)

  1. आज की दुनिया में शक्ति केवल सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक और तकनीकी भी है।
  2. यूरोपीय संघ, ASEAN, चीन और भारत ने नई विश्व व्यवस्था को आकार दिया है।
  3. सहयोग और संतुलन से वैश्विक शांति संभव है।
  4. भविष्य का विश्व “बहुध्रुवीय” होगा — जहाँ सभी राष्ट्र साझेदारी से आगे बढ़ेंगे।


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