Author name: M Shaw

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lesson – 7 राष्ट्रवाद (Nationalism) class 11 course B

🟩 राष्ट्रवाद (Nationalism) 📘 राष्ट्रवाद का अर्थ (Meaning of Nationalism) राष्ट्रवाद वह भावना है जो किसी देश के लोगों को एकता, गर्व और अपने राष्ट्र के प्रति निष्ठा से जोड़ती है।यह एक राजनीतिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक विचारधारा है जिसके माध्यम से लोग अपने राष्ट्र की पहचान, संस्कृति और हितों की रक्षा करते हैं। 👉 सरल […]

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lesson-6 नागरिकता (Citizenship)class 11 course B

🟩 नागरिकता (Citizenship) 📘 नागरिकता का अर्थ (What is Citizenship?) नागरिकता वह कानूनी और नैतिक स्थिति है जिसके अंतर्गत कोई व्यक्ति किसी राज्य या देश का सदस्य होता है।नागरिकता व्यक्ति को राज्य से अधिकार प्राप्त करने तथा उसके प्रति कर्तव्यों का पालन करने का अवसर देती है। 👉 नागरिकता का अर्थ है —“किसी राज्य के

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Lesson – 5 अधिकार (Rights) class 11 course B

🟩 अधिकार (Rights) 📘 अधिकार का अर्थ अधिकार वे विशेष स्वतंत्रताएँ या सुविधाएँ हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को समाज में सम्मानपूर्वक और सुरक्षित जीवन जीने के लिए दी जाती हैं।अधिकार नागरिक को यह शक्ति देते हैं कि वह राज्य और समाज से न्याय, सुरक्षा और समान अवसरों की अपेक्षा कर सके।अधिकार व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता

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Lesson -4 सामाजिक न्याय (Social Justice) class 11 course B

🟩 सामाजिक न्याय (Social Justice) 🔹 सामाजिक न्याय की अवधारणा (Concept of Social Justice) सामाजिक न्याय का अर्थ है — समाज में समान अवसर, सम्मान, अधिकार और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण।इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी व्यक्ति या वर्ग के साथ जाति, धर्म, लिंग, भाषा या आर्थिक स्थिति के आधार पर अन्याय न हो।

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lesson – 3 समानता (Equality) class 11 course B

🟩 समानता (Equality) 🔹 समानता का अर्थ (Meaning of Equality) समानता का अर्थ है — सबके साथ समान व्यवहार करना, अर्थात किसी व्यक्ति, वर्ग, जाति, धर्म, लिंग या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव न करना।राजनीतिक दृष्टि से समानता का मतलब है कि हर व्यक्ति को समान अधिकार, अवसर और सम्मान प्राप्त हों।समानता का विचार लोकतंत्र

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lesson -2 स्वतंत्रता (Freedom) class 11 course B

🕊️ स्वतंत्रता (Freedom) 🌿 परिचय (Introduction) स्वतंत्रता (Freedom) मानव जीवन का सबसे मौलिक और मूल्यवान तत्व है।हर व्यक्ति जन्म से स्वतंत्र होता है और अपनी इच्छा के अनुसार सोचने, बोलने और कार्य करने का अधिकार रखता है।स्वतंत्रता केवल राजनीतिक सिद्धांत का विषय नहीं है, बल्कि यह मानव अस्तित्व का मूल आधार है। स्वतंत्रता वह स्थिति

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Lesson -1 राजनीतिक सिद्धांत : एक परिचय (Political Theory: An Introduction) class 11 course B

🏛️ राजनीतिक सिद्धांत : एक परिचय (Political Theory: An Introduction) 🌿 परिचय (Introduction) मानव समाज के संगठन, शासन व्यवस्था, सत्ता, अधिकार और कर्तव्यों के अध्ययन को राजनीति कहा जाता है। राजनीति केवल सत्ता प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज में न्याय, समानता, स्वतंत्रता और कल्याण जैसे मूल्यों की स्थापना का माध्यम भी

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Lesson -10 संविधान की दार्शनिक आधारशिला (The Philosophy of the Constitution) class 11 course A

📘 संविधान की दार्शनिक आधारशिला (The Philosophy of the Constitution) 🌿 भूमिका भारत का संविधान केवल शासन की रूपरेखा नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक और वैचारिक दस्तावेज़ भी है।इसमें भारत की सभ्यता, संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम और लोकतांत्रिक आदर्शों का समन्वय है।संविधान की आत्मा उसके दार्शनिक सिद्धांतों, मूल्यों और आदर्शों में निहित है, जो इसे

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Lesson -9 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution as a Living Document) class 11 course A

📘 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution as a Living Document) 🌿 भूमिका भारत का संविधान विश्व का सबसे विस्तृत और लोकतांत्रिक संविधान है। यह न केवल शासन की संरचना निर्धारित करता है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों, स्वतंत्रता और कर्तव्यों की रक्षा भी करता है।संविधान स्थिर होते हुए भी परिवर्तनशील है — यही गुण इसे “जीवंत

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lesson – 8 स्थानीय सरकार (Local Government) class 11 course A

🌿 स्थानीय सरकार (Local Government) 🔶 भूमिका भारत जैसे विशाल, विविधता-पूर्ण और जनसंख्या-बहुल देश में प्रशासन की जिम्मेदारी केवल केंद्र या राज्य सरकार पर नहीं छोड़ी जा सकती। लोकतंत्र की सफलता तभी संभव है जब शासन की शक्ति जनता के निकटतम स्तर तक पहुँचे।इसी उद्देश्य से स्थानीय स्वशासन (Local Self-Government) की व्यवस्था की गई है।

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Lesson -7 संघवाद (Federalism) class 11 course A

🟩 संघवाद (Federalism) 🔹 भूमिका (Introduction) भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्ता का एक स्थान पर केंद्रीकरण उचित नहीं माना गया। इसलिए संविधान निर्माताओं ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई जिसमें सत्ता का विभाजन केंद्र और राज्यों के बीच किया गया। इस व्यवस्था को संघवाद

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lesson – 6 न्यायपालिका (Judiciary) – कक्षा 11 राजनीति विज्ञान course A

📘 न्यायपालिका (Judiciary) – कक्षा 11 राजनीति विज्ञान 🌟 न्यायपालिका क्या है? (What is Judiciary?) न्यायपालिका (Judiciary) शासन का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण अंग है,जिसका मुख्य कार्य कानून की व्याख्या करना, न्याय प्रदान करना, तथा नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है। 👉 भारतीय संविधान के अनुसार –न्यायपालिका एक स्वतंत्र संस्था है, जो विधायिका और

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Lesson – 5 विधायिका (Legislature) – कक्षा 11 राजनीति विज्ञान course A

📘 विधायिका (Legislature) – कक्षा 11 राजनीति विज्ञान 🌟 विधायिका क्या है? (What is Legislature?) विधायिका (Legislature) शासन का वह अंग है जो कानून बनाता है,जनता के प्रतिनिधियों से मिलकर बना होता है, और सरकार की नीतियों को संवैधानिक स्वीकृति देता है। 👉 विधायिका का मुख्य कार्य है – “कानून बनाना और सरकार की गतिविधियों

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कार्यपालिका (Executive) – कक्षा 11 राजनीति विज्ञान course A

📘 कार्यपालिका (Executive) – कक्षा 11 राजनीति विज्ञान 🌟 कार्यपालिका क्या है? (What is Executive?) कार्यपालिका (Executive) शासन का वह अंग है जो सरकार के प्रशासनिक कार्यों को क्रियान्वित करता है।यह कानूनों को लागू करने, नीतियाँ बनाने और जनता के कल्याण के लिए निर्णय लेने का काम करती है। 👉 विधायिका (Legislature) कानून बनाती है,👉

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Lesson -3 चुनाव और प्रतिनिधित्व (Elections and Representation) class 11 course A

📘 अध्याय – 3 चुनाव और प्रतिनिधित्व (Elections and Representation) 🌿 प्रस्तावना लोकतंत्र की सफलता का सबसे बड़ा आधार चुनाव प्रणाली (Electoral System) है।लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च सत्ता होती है और वही यह तय करती है कि शासन कौन चलाएगा।इसी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने का माध्यम है — “चुनाव”। भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में

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Lesson -2 भारतीय संविधान में अधिकार (Rights in the Indian Constitution) class 11 course A

📘 अध्याय – 2 भारतीय संविधान में अधिकार (Rights in the Indian Constitution) 🌿 प्रस्तावना हर लोकतांत्रिक देश में नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) दिए जाते हैं, ताकि वे अपनी स्वतंत्रता, गरिमा और समानता के साथ जीवन जी सकें।अधिकार (Rights) किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होते हैं — ये नागरिकों और राज्य के

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संविधान: क्यों और कैसे? (Constitution: Why and How?) Class 11 course A

📘 संविधान: क्यों और कैसे? (Constitution: Why and How?) 🌿 प्रस्तावना संविधान (Constitution) किसी देश का मूल कानून होता है जो यह निर्धारित करता है कि शासन कैसे चलेगा, जनता को क्या अधिकार होंगे और सरकार की शक्तियाँ क्या होंगी।यह केवल कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि जनता की आकांक्षाओं का दस्तावेज़ होता है। भारत का

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सांवले सपनों की याद – CBSE Class 12 Hindi Summary

📘 सावले सपनों की याद – Class 12 Hindi | Summary & Notes ✍️ लेखक परिचय – नरेश मेहता नरेश मेहता आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि, नाटककार और कथाकार थे। उनके लेखन में मानवीय संवेदनाएँ, सांस्कृतिक चेतना और अस्तित्व-बोध प्रमुख हैं। उनकी भाषा सरल, पर भावनात्मक गहराई से भरी होती है। प्रमुख रचनाएँ –

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वाक्य (Sentence) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण

🌸 वाक्य (Sentence) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण 📘 परिचय (Introduction) **वाक्य** किसी विचार, भावना या सूचना को व्यक्त करने का सबसे छोटा पूर्ण भाषा-इकाई है। यह भाषा की मूल संरचना है जो किसी अर्थपूर्ण संदेश को प्रकट करता है। एक वाक्य में कम से कम एक **कर्ता (Subject)** और एक **क्रिया (Verb/Predicate)** होना

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उपसर्ग – CBSE Class 12 Hindi Grammar Notes

उपसर्ग – CBSE Class 12 Hindi Grammar Notes 🌸 उपसर्ग (Prefix) – CBSE Class 12 Hindi Grammar 🌸 📘 परिचय (Introduction) उपसर्ग वह अव्यय है जो शब्द के प्रारम्भ में लगकर उसका अर्थ बदल देता है। मूल सूत्र: उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द उदाहरण: अ + नियम = अनियम, प्रति + पाठ =

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उपसर्ग (Prefix) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण

प्रत्यय – CBSE Class 12 Hindi Grammar Notes 🌸 प्रत्यय (Suffix) – CBSE Class 12 Hindi Grammar 🌸 📘 परिचय (Introduction) प्रत्यय वह शब्दांश है जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द या अर्थ बनाता है। मूल सूत्र: मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द उदाहरण: ज्ञान + वान = ज्ञानवान, सुंदर +

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प्रत्यय (Suffix) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण

🌸 प्रत्यय (Suffix) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण 📘 परिचय प्रत्यय वह शब्दांश है जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका नया रूप या अर्थ बना देता है। यह शब्द की रचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण: बालक + इय = बालकी, विद्या + अर्थी = विद्यार्थ‍ी प्रत्यय जोड़ने से मूल शब्द

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प्रत्यय (Suffix) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण

प्रत्यय (Suffix) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण @import url(‘https://fonts.googleapis.com/css2?family=Noto+Sans+Devanagari:wght@400;700&display=swap’); body { font-family: ‘Noto Sans Devanagari’, sans-serif; background-color: #f9fcff; color: #333; line-height: 1.8; margin: 0; padding: 20px; } h1, h2, h3 { color: #0056b3; } h1 { text-align: center; color: #003366; } .highlight { color: #d63384; font-weight: bold; } .example { background-color: #eef7ff; border-left: 5px

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प्रत्यय (Suffix) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण body { font-family: ‘Noto Sans Devanagari’, sans-serif; background-color: #f9fcff; color: #333; line-height: 1.8; margin: 0; padding: 20px; } h1, h2, h3 { color: #0056b3; } h1 { text-align: center; color: #003366; } .highlight { color: #d63384; font-weight: bold; } .example { background-color: #eef7ff; border-left: 5px solid #339af0;

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क्रिया (Verb) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण

क्रिया (Verb) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण 📘 क्रिया (Verb) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण 🌞 परिचय क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, अवस्था या घटना को प्रकट करता है। यह वाक्य में कर्ता के कार्य या स्थिति के बारे में जानकारी देता है। उदाहरण: राम खाता है। सीता गाती है। बच्चे

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संधि (Sandhi) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण

संधि (Sandhi) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण 📘 संधि (Sandhi) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण 🌞 परिचय ‘संधि’ शब्द का अर्थ है — मेल या जोड़। जब दो वर्ण मिलकर नया रूप धारण करते हैं, तो उस परिवर्तन को संधि कहा जाता है। 📚 संधि की परिभाषा जब दो शब्दों या वर्णों के

CBSE Class 9th Hindi A Notes/Summary

कक्षा 9 दो बैलों की कथा – संपूर्ण सारांश

दो बैलों की कथा – संपूर्ण सारांश प्रेमचंद की अमर रचनाओं में से एक है “दो बैलों की कथा”। यह कहानी केवल बैलों के जीवन पर आधारित नहीं है, बल्कि इसमें मनुष्य जीवन की गहरी सच्चाइयों, आत्मसम्मान, निष्ठा, मित्रता और स्वतंत्रता जैसे जीवन-मूल्यों का चित्रण किया गया है। लेखक ने दो बैलों – हीरा और

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सूरजप्रकाश की कहानी : भक्तिन कक्षा 12

सूरजप्रकाश की कहानी : भक्तिन प्रस्तावना हिंदी साहित्य में जिन रचनाकारों ने समाज के दबे-कुचले, हाशिए पर पड़े हुए वर्गों को स्वर दिया है, उनमें सूरजप्रकाश का नाम उल्लेखनीय है। उनकी कहानी “भक्तिन” केवल एक स्त्री के संघर्ष की कथा नहीं है, बल्कि भारतीय ग्रामीण समाज में व्याप्त जातिगत अन्याय, वर्गीय असमानता, स्त्री-दलित शोषण और

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विद्यासागर नौटियाल – अहिल्या का धियान : एक विस्तृत विवेचन कक्षा 12

विद्यासागर नौटियाल – अहिल्या का धियान : एक विस्तृत विवेचन 1. प्रस्तावना हिंदी साहित्य में क्षेत्रीय कथाकारों का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने न केवल अपने-अपने अंचल की बोली, संस्कृति और लोकजीवन को जीवित रखा, बल्कि उससे जुड़े सामाजिक-सांस्कृतिक संघर्षों को भी साहित्य में दर्ज किया। विद्यासागर नौटियाल उत्तराखंड (गढ़वाल) की पृष्ठभूमि से आए और

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असगर वजाहत – और भेड़िया कौन : विस्तृत विश्लेषण कक्षा 12

असगर वजाहत – और भेड़िया कौन : विस्तृत विश्लेषण 1. प्रस्तावना हिंदी साहित्य में असगर वजाहत का नाम उस पीढ़ी के रचनाकारों में लिया जाता है, जिन्होंने समाज की असलियत को बिना लाग-लपेट प्रस्तुत किया। वजाहत की कहानियाँ केवल घटनाओं का विवरण नहीं होतीं, बल्कि वे पाठक को सोचने और प्रश्न करने के लिए विवश

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जयनंदन – इस जल प्रलय में : एक गहन विवेचन

जयनंदन – इस जल प्रलय में : एक गहन विवेचन 1. प्रस्तावना हिंदी साहित्य में गाँव, किसान और आम आदमी के जीवन-संघर्ष को चित्रित करने वाले लेखकों में जयनंदन का नाम अग्रणी है। उनकी कहानियाँ साधारण पात्रों के असाधारण संघर्ष को सामने लाती हैं। इस जल प्रलय में उनकी प्रसिद्ध कहानियों में से एक है,

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धूमिल – पतंग कक्षा 12

धूमिल – पतंग प्रस्तावना आधुनिक हिंदी कविता में जिन कवियों ने कविता को आम जनता की आवाज़ बनाया और राजनीति, सत्ता तथा व्यवस्था के मुखौटों को बेनकाब किया, उनमें धूमिल (1936–1975) का नाम सबसे पहले लिया जाता है। धूमिल का असली नाम सुधीर सक्सेना था, पर वे “धूमिल” के नाम से साहित्य जगत में पहचाने

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कुंवर नारायण – अटक गई है आग कक्षा 12

कुंवर नारायण – अटक गई है आग प्रस्तावना आधुनिक हिंदी कविता का परिदृश्य यदि हम देखें तो उसमें कुंवर नारायण एक ऐसे कवि के रूप में सामने आते हैं, जिन्होंने कविता को केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे मानवता, इतिहास, संस्कृति और सामाजिक चेतना से जोड़ा। उनका कवि व्यक्तित्व गहन चिंतनशील,

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अज्ञेय – हरे भरे बहने दो कक्षा 12

अज्ञेय – हरे भरे बहने दो प्रस्तावना हिंदी साहित्य में अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन) एक ऐसे कवि, कथाकार और आलोचक के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जिन्होंने साहित्य को नई दृष्टि और आधुनिक चेतना प्रदान की। वे प्रयोगवाद, नई कविता और आधुनिक हिंदी साहित्यिक आंदोलन के प्रमुख स्तंभों में से माने जाते हैं। उनकी कविताएँ जीवन

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रघुवीर सहाय – कबीर की साहेबानी कक्षा 12

रघुवीर सहाय – कबीर की साहेबानी प्रस्तावना हिंदी साहित्य में रघुवीर सहाय का नाम उन कवियों में गिना जाता है जिन्होंने कविता को केवल भाव-विभोर करने वाला माध्यम न मानकर उसे यथार्थ और सामाजिक चेतना का दस्तावेज बनाया। वे नई कविता आंदोलन के प्रतिनिधि कवियों में अग्रगण्य थे। रघुवीर सहाय की कविताओं में सत्ता के

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नागार्जुन – बादल राग कक्षा 12

नागार्जुन – बादल राग प्रस्तावना भारतीय आधुनिक हिंदी साहित्य में नागार्जुन का नाम अत्यंत सम्मान और लोकप्रियता के साथ लिया जाता है। वे न केवल एक संवेदनशील कवि थे बल्कि आंदोलनकारी जनकवि, कथाकार और उपन्यासकार भी थे। नागार्जुन की कविताओं में हमें जनता की पीड़ा, शोषित वर्ग की करुणा और समाज के प्रति गहन सरोकार

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कबीर – साखियाँ एवं सबद कक्षा 12

कबीर – साखियाँ एवं सबद प्रस्तावना भारतीय साहित्य और भक्ति आंदोलन में कबीर का नाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे न केवल संत कवि थे, बल्कि एक ऐसे सामाजिक सुधारक भी थे जिन्होंने अपने समय की रूढ़ियों, पाखंडों और जातिगत भेदभाव का तीखा विरोध किया। कबीर की साखियाँ और सबद उनके विचारों का प्रामाणिक स्वरूप प्रस्तुत

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Framing of the Constitution: The Beginning of a New Era class 12

Framing of the Constitution: The Beginning of a New Era Introduction 1. Historical Background 🌟 Colonial Legacy 🌟 Nationalist Demands 🌟 Freedom Struggle Impact 2. The Constituent Assembly 🌟 Formation (1946) 🌟 Representation 🌟 Leadership 3. Philosophical Foundations of the Constitution 🌟 Influences 🌟 Objectives Resolution (1946) – introduced by Jawaharlal Nehru 4. Major Debates

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Mahatma Gandhi and the National Movement: Civil Disobedience and Beyond class 12

Mahatma Gandhi and the National Movement: Civil Disobedience and Beyond Introduction 1. Gandhi’s Early Experiments with Satyagraha 🌟 In South Africa (1893–1914) 🌟 Return to India (1915) 2. Early Movements in India (1917–18) 🌟 Champaran Satyagraha (1917) 🌟 Kheda Satyagraha (1918) 🌟 Ahmedabad Mill Strike (1918) These struggles established Gandhi’s reputation as a mass leader.

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