व्यवसाय अध्ययन कक्षा 12—अध्याय 4
योजना (Planning) – विस्तृत बिंदुवार नोट्स (हिंदी में)
1. परिचय (Introduction)
- योजना (Planning) प्रबंधन की पहली और आधारभूत क्रिया है।
- यह प्रक्रिया भविष्य की गतिविधियों का पूर्वानुमान, विश्लेषण, निर्णय और लक्ष्य निर्धारण करती है।
- योजना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रबंधक यह तय करते हैं कि क्या करना है, कैसे करना है, कब करना है और कौन करेगा।
- योजनाएँ सुनिश्चित करती हैं कि संगठन उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम और प्रभावी उपयोग करे।
- यदि कोई संगठन योजना नहीं बनाता, तो उसकी कार्यवाही अव्यवस्थित, अनियंत्रित और अप्रभावी हो सकती है।
- योजना संगठन को भविष्य की अनिश्चितताओं से निपटने, दिशा प्रदान करने, तथा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती है।
2. योजना की अवधारणा (Concept of Planning)
- योजना एक विचारशील, तर्कसंगत और प्रणालीबद्ध प्रक्रिया है।
- यह भविष्य के लिए निर्णय लेने की क्रिया है, जिसमें यह निश्चित किया जाता है कि
- लक्ष्य क्या होंगे,
- उन्हें कब प्राप्त किया जाएगा,
- उन्हें प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका क्या होगा।
- योजना एक मानसिक प्रक्रिया है, क्योंकि इसमें कल्पना, पूर्वानुमान, बुद्धि और निर्णय शामिल होते हैं।
- योजना का मुख्य उद्देश्य अनिश्चितताओं को कम करना और संगठन को एक स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करना है।
- यह एक निरंतर प्रक्रिया है; एक योजना समाप्त होते ही दूसरी शुरू हो जाती है।
- इसे प्रबंधन का “मस्तिष्क” कहा जाता है क्योंकि यह तय करती है कि संगठन का भविष्य कैसा होगा।
3. योजना का महत्व (Importance of Planning)
1. दिशा प्रदान करती है (Provides Direction)
- योजना सभी कर्मचारियों और विभागों को एक ही लक्ष्य की ओर निर्देशित करती है।
- कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से समझ आता है कि किस दिशा में कार्य करना है।
2. अनिश्चितताओं को कम करती है (Reduces Risks and Uncertainties)
- भविष्य अनिश्चित है; योजना संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर जोखिमों को कम करती है।
- प्रबंधक पहले से तैयार रहते हैं।
3. समन्वय को बढ़ावा देती है (Encourages Coordination)
- योजना सुनिश्चित करती है कि सभी विभाग और व्यक्ति एक साझा लक्ष्य के लिए समन्वित रूप से कार्य करें।
4. संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग (Optimum Utilisation of Resources)
- योजना बताती है कि संसाधनों को कहाँ, कब और कैसे उपयोग किया जाए।
5. संगठनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है (Ensures Goal Achievement)
- योजना लक्ष्यों को स्पष्ट, मापनीय और प्राप्त करने योग्य बनाती है।
6. नियंत्रण का आधार प्रदान करती है (Basis of Control)
- नियंत्रण के लिए मानक तभी बन सकते हैं जब पहले से योजना बनाई गई हो।
7. नवाचार को बढ़ावा (Promotes Innovation)
- योजना सोचने की नई विधियाँ, नए विचार और नई रणनीतियाँ विकसित करने के अवसर प्रदान करती है।
8. कार्यकुशलता बढ़ती है (Improves Efficiency)
- समय, धन और संसाधनों की बचत होती है; गलतियाँ घटती हैं।
9. निर्णय लेने में मदद (Helps in Decision Making)
- योजना अनेक विकल्प प्रस्तुत करती है और उनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन करवाती है।
10. प्रतिस्पर्धा में बढ़त (Competitive Advantage)
- बेहतर योजनाएँ रखने वाला संगठन बदलते परिवेश में भी सफल रहता है।
4. योजना की विशेषताएँ (Features of Planning)
1. योजना लक्ष्य-उन्मुख है (Planning is Goal-Oriented)
- इसकी शुरुआत लक्ष्य निर्धारण से होती है और अंत लक्ष्य प्राप्ति से।
2. लागिक-पूर्व सोच (Planning is a Mental Exercise)
- यह मानसिक कौशल, विश्लेषण और बुद्धिमत्ता की प्रक्रिया है।
3. भविष्य-उन्मुख (Planning is Future-Oriented)
- यह भविष्य की स्थितियों का पूर्वानुमान करती है।
4. निर्णय लेने की प्रक्रिया (Planning Involves Decision-Making)
- विभिन्न विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करना पड़ता है।
5. निरंतर प्रक्रिया (Planning is Continuous)
- स्थितियों के बदलने पर योजनाएँ पुनः बनाई जाती हैं।
6. सभी प्रबंधन स्तरों पर आवश्यक (Planning is Required at All Levels)
- शीर्ष स्तर—रणनीतिक योजनाएँ
- मध्य स्तर—सामरिक योजनाएँ
- निचला स्तर—संचालन योजनाएँ
7. प्राथमिक क्रिया (Planning is the Primary Function)
- सभी प्रबंधकीय गतिविधियों की शुरुआत योजना से होती है।
8. लचीलापन आवश्यक (Planning Requires Flexibility)
- स्थिति बदलने पर योजना बदल सकती है।
9. समय और लागत-उपभोगी (Planning is Time & Cost Consuming)
- इसमें भरपूर विश्लेषण, पर्यवेक्षण और संसाधन लगते हैं।
5. योजना प्रक्रिया (Planning Process)
1. लक्ष्यों का निर्धारण (Setting Objectives)
- संगठन के अल्पकालीन और दीर्घकालीन लक्ष्य निश्चित किए जाते हैं।
2. पूर्वानुमान लगाना (Developing Premises)
- भविष्य से संबंधित धारणाएँ (assumptions) बनाई जाती हैं जैसे—बाजार स्थिति, नियम, कीमतें, प्रतियोगिता आदि।
3. वैकल्पिक योजनाओं की पहचान (Identifying Alternatives)
- संगठन अपने लक्ष्य प्राप्ति के कई संभावित मार्ग खोजता है।
4. वैकल्पिकों का मूल्यांकन (Evaluating Alternatives)
- प्रत्येक विकल्प के लाभ, लागत, जोखिम, और व्यवहार्यता का विश्लेषण किया जाता है।
5. सर्वोत्तम विकल्प का चयन (Selecting the Best Alternative)
- सबसे उपयुक्त योजना का चयन किया जाता है।
6. सहायता योजनाओं का निर्माण (Formulating Supporting Plans)
- मुख्य योजना को लागू करने हेतु उप-योजनाएँ बनाई जाती हैं जैसे—कर्मचारी योजना, विपणन योजना, वित्त योजना आदि।
7. योजना का क्रियान्वयन (Implementing the Plan)
- संसाधनों का आवंटन, निर्देशों का वितरण और कार्यवाही शुरू होती है।
8. निगरानी और समीक्षा (Follow-Up and Review)
- कार्य की प्रगति पर नज़र रखी जाती है और आवश्यक सुधार किए जाते हैं।
6. योजनाओं के प्रकार (Types of Plans)
दो मुख्य प्रकार:
A. एकल-उपयोग योजनाएँ (Single-Use Plans)
- एक बार बनाई जाती हैं और एक ही उद्देश्य के लिए उपयोग की जाती हैं।
1. कार्यक्रम (Programme)
- विशिष्ट कार्य को पूरा करने की विस्तृत योजना।
उदाहरण: नया उत्पाद लॉन्च करना।
2. बजट (Budget)
- भविष्य की आय और व्यय का संख्यात्मक विवरण।
- यह संसाधन आवंटन का महत्वपूर्ण साधन है।
B. स्थायी योजनाएँ (Standing Plans)
- बार-बार उपयोग की जाती हैं।
1. उद्देश्य (Objectives)
- स्पष्ट, मापनीय, समयबद्ध लक्ष्य।
- संगठन “क्यों अस्तित्व में है”, यह बताता है।
2. रणनीति (Strategy)
- प्रतिस्पर्धा से निपटने और दीर्घकालीन सफलता के लिए बनाई जाती है।
- इसमें तीन बातें शामिल होती हैं:
- उद्देश्यों का निर्धारण
- संसाधन आवंटन योजना
- प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए नीति
3. नीतियाँ (Policies)
- निर्णय लेने के लिए सामान्य दिशा-निर्देश।
- उदाहरण: मूल्य निर्धारण नीति, भर्ती नीति।
4. नियम (Rules)
- विशिष्ट और कठोर निर्देश, जिनका पालन अनिवार्य होता है।
- उदाहरण: समय पर उपस्थिति।
5. विधि/पद्धति (Method)
- किसी कार्य को करने की निश्चित प्रक्रिया।
- उदाहरण: मशीन संचालन की विधि।
7. उद्देश्य (Objectives) – विस्तृत बिंदु
- उद्देश्य योजना प्रक्रिया की नींव हैं।
- वे संगठन की दिशा और अपेक्षित परिणाम स्पष्ट करते हैं।
- अच्छे उद्देश्य SMART होने चाहिए:
- S – Specific
- M – Measurable
- A – Achievable
- R – Realistic
- T – Time-bound
8. रणनीति (Strategy) – विस्तृत बिंदु
- रणनीति दीर्घकालीन निर्णय है जो प्रतिस्पर्धा, अवसर, खतरे और संसाधनों के संदर्भ में बनाई जाती है।
- इसमें तीन प्रमुख घटक होते हैं:
- संगठन के लक्ष्य
- संसाधनों का उचित उपयोग
- प्रतिद्वंद्वियों की चालों का विश्लेषण और उनका सामना
9. नीति (Policy)
- नीतियाँ सामान्य दिशानिर्देश हैं जिनसे निर्णय लेने में स्थिरता आती है।
- वे प्रबंधकों को बताती हैं कि “किस तरह से सोचना है”।
- नीतियाँ लचीली हो सकती हैं और परिस्थितियों के अनुसार संशोधित की जा सकती हैं।
10. नियम (Rule)
- नियम कठोर और स्पष्ट निर्देश होते हैं।
- यह बताते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।
- नियमों के उल्लंघन पर दंड या अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
11. विधि/पद्धति (Method)
- किसी कार्य को चरणबद्ध ढंग से करने की तकनीक।
- यह गुणवत्ता, एकरूपता और दक्षता बढ़ाती है।
12. कार्यक्रम (Programme)
- लक्ष्य प्राप्ति हेतु गतिविधियों का संपूर्ण पैकेज।
- इसमें शामिल होते हैं:
- गतिविधियों की श्रृंखला
- समय-सारणी
- कार्यभार
- बजट
- विभागों की जिम्मेदारियाँ
13. बजट (Budget)
- योजनाओं का संख्यात्मक रूप।
- यह बताता है कि कितना खर्च होगा, कितना प्राप्त होगा, कैसे संसाधन वितरित होंगे।
- बजट नियंत्रण के लिए भी आधार बनता है।
14. निष्कर्ष (Conclusion)
- योजना संगठन का दिशा-सूचक है।
- यह अनिश्चित भविष्य में स्थिरता और स्पष्टता प्रदान करती है।
- योजना भविष्य की चुनौतियों, अवसरों और आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाकर संगठन को सही दिशा देती है।
- प्रभावी योजना के बिना कोई भी संगठन संसाधनों का सही उपयोग नहीं कर सकता और न ही दीर्घकालीन सफलता प्राप्त कर सकता है।
- इसलिए योजना को प्रबंधन की सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिक क्रिया माना जाता है।
