Business study Class 12 CBSE अध्याय 1


व्यवसाय अध्ययन – कक्षा 12


1. भूमिका (Introduction)

  1. प्रबंधन का अर्थ
    • प्रबंधन वह प्रक्रिया है जिसमें काम करवाया जाता है ताकि संगठन के लक्ष्य प्रभावी (Effectiveness) और दक्ष (Efficiency) तरीके से प्राप्त हों।
    • यह हर प्रकार के संगठन में आवश्यक है—व्यापार, सरकारी विभाग, स्कूल, अस्पताल, NGO, क्लब आदि।
    • प्रबंधन लोगों के प्रयासों को दिशा देता है, संसाधनों का सही उपयोग करता है और सामूहिक लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करता है।
  2. प्रबंधन की आवश्यकता क्यों?
    • लोगों के कार्यों को समन्वित करना।
    • कम लागत में अधिक परिणाम प्राप्त करना।
    • प्रतिस्पर्धी और परिवर्तित वातावरण में व्यवस्थित संचालन बनाए रखना।
  3. प्रबंधन एक अनुशासन के रूप में
    • इसमें सिद्धांत, सिद्धांतों पर आधारित ज्ञान, तकनीकें और व्यवहारिक तरीके शामिल होते हैं।
    • यह विषय छात्रों को भविष्य का कुशल प्रबंधक बनने में सहायता करता है।

2. प्रबंधन की अवधारणा (Concept of Management)

  1. एक प्रक्रिया के रूप में
    • योजना बनाना → संगठन करना → स्टाफिंग → निर्देशन → नियंत्रण।
    • यह एक सतत् प्रक्रिया है जिसमें अनेक गतिविधियाँ क्रमबद्ध रूप से की जाती हैं।
  2. लोगों के समूह के रूप में
    • संगठन में तीन स्तरों के प्रबंधक होते हैं—उच्च, मध्य एवं निम्न स्तर।
    • वे निर्णय लेते हैं, मार्गदर्शन करते हैं और संगठन का नेतृत्व करते हैं।
  3. एक अनुशासन के रूप में
    • यह व्यवस्थित ज्ञान का समूह है जिसे पढ़ाया, सीखा और लागू किया जाता है।
  4. गतिशील गतिविधि
    • प्रबंधन परिवेश, तकनीक, ग्राहकों की आवश्यकताओं और प्रतिस्पर्धा के अनुसार बदलता रहता है।
  5. प्रभावशीलता + दक्षता का समन्वय
    • प्रभावशीलता: लक्ष्य प्राप्त करना।
    • दक्षता: कम लागत, कम समय और सर्वोत्तम उपयोग से लक्ष्य प्राप्त करना।

3. प्रबंधन की विशेषताएँ (Characteristics of Management)

  1. लक्ष्य-उन्मुख
    • हर गतिविधि संगठनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए की जाती है।
  2. सार्वभौमिक प्रकृति
    • प्रबंधन के सिद्धांत सभी प्रकार के संगठनों में लागू होते हैं।
  3. सतत प्रक्रिया
    • प्रबंधन एक रुकने वाली प्रक्रिया नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
  4. बहुआयामी
    • इसमें 3 आयाम शामिल—
      • कार्य प्रबंधन
      • लोगों का प्रबंधन
      • संचालन प्रबंधन
  5. समूह गतिविधि
    • इसमें कई लोगों के प्रयासों को संयोजित किया जाता है।
  6. अदृश्य शक्ति
    • इसे देखा नहीं जा सकता, पर इसके परिणामों से इसकी उपस्थिति महसूस होती है।
  7. गतिशील स्वभाव
    • बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपने तरीके बदलता है।
  8. विज्ञान + कला + व्यवसाय (Profession)
    • विज्ञान—सिद्ध ज्ञान
    • कला—कौशल, रचनात्मकता, अनुभव
    • व्यवसाय—विशेषज्ञता, आचार संहिता, सेवा भाव

4. GE से प्रबंधन मंत्र (The Management Mantra from GE)

  1. जैक वेल्च का प्रबंधन दर्शन
    • कर्मचारियों को सशक्त बनाना (Empowerment)
    • सरलता और गति पर ध्यान
    • नवाचार और परिवर्तन को बढ़ावा देना
  2. GE की प्रमुख व्यवस्थाएँ
    • बाउंड्रीलेस ऑर्गेनाइजेशन – विभागीय बाधाओं को हटाना।
    • स्ट्रेच गोल्स – ऊँचे लेकिन संभव लक्ष्यों का निर्धारण।
    • वर्क-आउट प्रोग्राम – खुली चर्चा द्वारा त्वरित समाधान।
  3. छात्रों के लिए सीख
    • आधुनिक प्रबंधन सरल, तेज, नवाचारी और लोगों पर आधारित होना चाहिए।

5. प्रबंधन के उद्देश्य (Objectives of Management)

A. संगठनात्मक (आर्थिक) उद्देश्य

  1. जीवन-रक्षा (Survival)
    • प्रतिस्पर्धा में टिके रहना।
  2. लाभ कमाना (Profit)
    • वृद्धि, विस्तार, निवेश और स्थिरता के लिए आवश्यक।
  3. विकास व विस्तार (Growth)
    • बिक्री, कर्मचारियों, बाजार हिस्सेदारी, उत्पाद श्रेणी, तकनीक में वृद्धि।

B. सामाजिक उद्देश्य

  1. उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उचित मूल्य पर देना
    • उपभोक्ता संतुष्टि सुनिश्चित करना।
  2. कर्मचारियों का कल्याण
    • सुरक्षित वातावरण, उचित वेतन।
  3. पर्यावरण की रक्षा
    • प्रदूषण नियंत्रण, सतत विकास।
  4. समाज के प्रति दायित्व
    • CSR गतिविधियाँ, सामाजिक कार्यक्रम।

C. व्यक्तिगत (कर्मचारी) उद्देश्य

  1. कौशल एवं क्षमता का विकास
    • प्रशिक्षण, पदोन्नति, सीखने के अवसर।
  2. व्यक्तिगत संतुष्टि
    • सम्मान, पहचान, प्रेरणा।
  3. सकारात्मक कार्य-पर्यावरण
    • स्वस्थ संबंध, टीमवर्क।

6. प्रबंधन का महत्व (Importance of Management)

  1. संगठनात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति
    • लोगों के प्रयासों को एक दिशा देता है।
  2. संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग
    • लागत कम, उत्पादकता अधिक।
  3. गतिशील वातावरण का निर्माण
    • कर्मचारियों को परिवर्तन के अनुसार तैयार करता है।
  4. सुव्यवस्थित संगठनात्मक ढाँचा
    • भूमिकाएँ, जिम्मेदारियाँ और अधिकार स्पष्ट होते हैं।
  5. नवाचार को बढ़ावा
    • नए विचार, आधुनिक तकनीक और सुधार।
  6. टीम भावना का विकास
    • व्यक्तिगत और संगठनात्मक लक्ष्यों में संतुलन।
  7. स्थिरता व वृद्धि
    • दीर्घकालीन सफलता और टिकाऊ प्रगति।

7. प्रबंधन का स्वभाव (Nature of Management)

1. प्रबंधन एक विज्ञान

  • व्यवस्थित ज्ञान
  • सिद्धांत और सिद्ध संबंध
  • कारण-प्रभाव संबंध
  • पूर्वानुमेयता
    मानव व्यवहार के कारण यह सटीक विज्ञान नहीं है।

2. प्रबंधन एक कला

  • व्यक्तिगत कौशल
  • अनुभव और अभ्यास
  • रचनात्मकता
  • लक्ष्य-उन्मुख प्रयोग

3. प्रबंधन एक व्यवसाय (Profession)

  • विशेषज्ञ ज्ञान
  • औपचारिक शिक्षा
  • आचार संहिता का पालन
  • सेवा-भाव
  • AIMA जैसे संगठनों की भूमिका
    प्रबंधन पूरी तरह व्यवसाय नहीं बना है, लेकिन उसकी ओर बढ़ रहा है।

8. प्रबंधन के स्तर (Levels of Management)

1. उच्च स्तरीय प्रबंधन (Top Level)

  • CEO, MD, चेयरमैन, CFO आदि।
  • मुख्य कार्य:
    • नीतियाँ बनाना
    • दीर्घकालीन लक्ष्य
    • सभी विभागों का समन्वय
    • बाहरी दुनिया से संपर्क

2. मध्य स्तरीय प्रबंधन (Middle Level)

  • विभागीय प्रबंधक, शाखा प्रबंधक।
  • मुख्य कार्य:
    • शीर्ष स्तर की नीतियों को लागू करना
    • विभागीय योजनाएँ बनाना
    • अधीनस्थ प्रबंधकों को प्रेरित करना

3. निम्न/कार्यान्वयन स्तर (Lower Level)

  • पर्यवेक्षक, फोरमैन।
  • मुख्य कार्य:
    • श्रमिकों का मार्गदर्शन
    • गुणवत्ता और उत्पादन सुनिश्चित करना
    • अनुशासन बनाए रखना

9. प्रबंधन के कार्य (Functions of Management)

1. योजना बनाना (Planning)

  • लक्ष्य निर्धारण
  • कार्य-रणनीति
  • संसाधन अनुमान
  • अनिश्चितताओं को कम करना

2. संगठन करना (Organizing)

  • कार्यों की पहचान
  • समूहबद्ध करना
  • अधिकार सौंपना
  • उत्तरदायित्व निर्धारित करना

3. स्टाफिंग (Staffing)

  • भर्ती
  • चयन
  • प्रशिक्षण
  • मूल्यांकन
  • पदोन्नति

4. निर्देशन (Directing)

  • कर्मचारियों को प्रेरित करना
  • आदेश देना
  • नेतृत्व
  • संचार

5. नियंत्रण (Controlling)

  • मानक निर्धारित करना
  • वास्तविक प्रदर्शन मापना
  • तुलना करना
  • सुधारात्मक कार्यवाही करना

10. समन्वय — प्रबंधन का सार (Coordination — Essence of Management)

  1. अर्थ
    • विभिन्न लोगों के प्रयासों को एक दिशा में जोड़ना।
  2. सार क्यों?
    • प्रबंधन के हर कार्य में समन्वय आवश्यक है।
  3. विशेषताएँ
    • समूह प्रयासों का एकीकरण
    • एकता की भावना
    • निरंतर प्रक्रिया
    • सभी स्तरों पर आवश्यक
    • जानबूझकर किया जाने वाला कार्य

11. समन्वय का महत्व (Importance of Coordination)

  1. लक्ष्यों का संतुलन
    • व्यक्तिगत व संगठनात्मक उद्देश्यों को जोड़ना।
  2. दिशा में एकरूपता
    • सभी विभागों को समान लक्ष्य की ओर ले जाना।
  3. संसाधनों का कुशल उपयोग
    • दोहराव, टकराव और देरी को रोकना।
  4. सकारात्मक मानव संबंध
    • संघर्ष कम, सहयोग अधिक।
  5. सुगम संचालन
    • विभागीय गतिविधियों में तालमेल।
  6. परिवर्तन के प्रति अनुकूलन
    • तकनीक, बाजार और नीति परिवर्तनों में सहायता।

12. 21वीं सदी में प्रबंधन (Management in the 21st Century)

  1. वैश्वीकरण
    • बहुराष्ट्रीय व्यापार, सांस्कृतिक विविधता।
  2. तकनीकी क्रांति
    • ऑटोमेशन, AI, डिजिटल संचार।
  3. नवाचार और रचनात्मकता
    • बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक।
  4. ज्ञान आधारित कर्मचारी
    • अधिक स्वायत्तता, कौशल और सशक्तिकरण।
  5. सतत विकास और नैतिकता
    • पर्यावरणीय उत्तरदायित्व, CSR।
  6. फ्लैट संगठन संरचना
    • कम पदानुक्रम, तेज संचार।
  7. रिमोट वर्क एवं लचीलापन
    • डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कार्य।
  8. ग्राहक-केंद्रित प्रबंधन
    • गुणवत्ता, समय पर सेवा, व्यक्तिगत अनुभव।
  9. डेटा आधारित निर्णय
    • एनालिटिक्स, बिग डेटा, पूर्वानुमान।

13. निष्कर्ष (Conclusion)

  • प्रबंधन संगठन की सफलता, विकास और स्थिरता का आधार है।
  • यह विज्ञान, कला और व्यवसाय का सुंदर संयोजन है।
  • प्रबंधक योजना, संगठन, स्टाफिंग, निर्देशन और नियंत्रण के माध्यम से दक्षता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करते हैं।
  • समन्वय प्रबंधन का हृदय है, जो सभी कार्यों को एक धागे में पिरोता है।
  • 21वीं सदी में प्रबंधन को नवाचारी, नैतिक, वैश्विक सोच, तकनीकी रूप से सक्षम और ग्राहक-केंद्रित होना आवश्यक है।
  • प्रभावी प्रबंधन से संगठन न केवल जीवित रहते हैं बल्कि प्रगति और प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनते हैं।

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