political science class 11 course B अध्याय 4 – विकास की चुनौतियाँ


🟩 अध्याय 4 – विकास की चुनौतियाँ


🔹 प्रस्तावना

  • विकास का अर्थ है राष्ट्र के नागरिकों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कल्याण में सुधार
  • स्वतंत्रता के बाद भारत ने योजना आधारित नीतियों, औद्योगिकीकरण और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से विकास की दिशा में कदम बढ़ाए।
  • बावजूद इसके, भारत को समान और सतत विकास प्राप्त करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • विकास केवल आर्थिक वृद्धि नहीं है, बल्कि इसमें असमानता, गरीबी और सामाजिक अन्याय को कम करना भी शामिल है।
  • इस अध्याय में भारत में विकास की मुख्य चुनौतियों और उन्हें दूर करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई है।

🔹 गरीबी और असमानता

  • गरीबी: ऐसी स्थिति जिसमें लोग जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं (भोजन, आवास, कपड़े, शिक्षा और स्वास्थ्य) से वंचित हों।
  • भारत में गरीबी के कारण हैं: ऐतिहासिक पिछड़ापन, औपनिवेशिक शोषण, जनसंख्या दबाव और संसाधनों का असमान वितरण।
  • असमानता: आय, संपत्ति और अवसरों का असमान वितरण।
  • असमानता के कारण:
    1. कृषि में भूमि का असमान वितरण।
    2. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का अंतर।
    3. शिक्षा और रोजगार में असमान अवसर।
    4. सामाजिक भेदभाव (जाति, लिंग)।
  • गरीबी और असमानता वंचित समूहों के जीवन स्तर को सुधारने में बाधा बनती हैं।

🔹 बेरोजगारी

  • बेरोजगारी: स्थिति जिसमें काम करने में सक्षम लोग उपयुक्त रोजगार नहीं पा पाते।
  • भारत में बेरोजगारी के प्रकार:
    1. संरचनात्मक बेरोजगारी: कौशल और उपलब्ध नौकरियों के बीच असमानता।
    2. छिपी बेरोजगारी: कृषि क्षेत्र में, जहाँ लोग कार्य से अधिक संख्या में शामिल होते हैं।
    3. मौसमी बेरोजगारी: मौसम पर निर्भर रोजगार जैसे कृषि और पर्यटन।
  • कारण:
    • तेज़ जनसंख्या वृद्धि।
    • कुछ क्षेत्रों में धीमी औद्योगिक वृद्धि।
    • कौशल और प्रशिक्षण की कमी।
  • उच्च बेरोजगारी का असर आर्थिक विकास, सामाजिक स्थिरता और जीवन स्तर पर पड़ता है।

🔹 क्षेत्रीय असमानताएँ

  • भारत में राज्यों और क्षेत्रों के बीच विकास असमान है।
  • उदाहरण:
    • दक्षिण और पश्चिम (तमिलनाडु, महाराष्ट्र) बनाम पूर्व और उत्तर (बिहार, उत्तर प्रदेश)।
    • औद्योगिक बनाम कृषि प्रधान क्षेत्र।
  • कारण:
    • संसाधनों का असमान वितरण (भूमि, जल, खनिज)।
    • ऐतिहासिक रूप से कुछ क्षेत्रों की उपेक्षा।
    • अवसंरचना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में अंतर।
  • क्षेत्रीय असमानता से माइग्रेशन, सामाजिक तनाव और विशेष योजनाओं की मांग बढ़ती है।

🔹 सामाजिक बहिष्कार

  • कुछ समूह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से बहिष्कृत होते हैं।
  • हाशिए पर रहने वाले समुदाय: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, महिलाएँ।
  • कारण:
    • जाति आधारित भेदभाव।
    • लिंग असमानता।
    • शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी।
  • परिणाम:
    • कम साक्षरता और कौशल।
    • गरीबी में स्थायित्व।
    • सामाजिक असंतोष और आरक्षण/सकारात्मक कार्रवाई की मांग।

🔹 पर्यावरणीय चुनौतियाँ

  • विकास गतिविधियाँ अक्सर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • उदाहरण: वनों की कटाई, प्रदूषण, मिट्टी का क्षरण, जल संकट।
  • कारण:
    • औद्योगिकीकरण बिना पर्यावरण सुरक्षा उपायों के।
    • अस्थायी कृषि और खनन प्रथाएँ।
    • शहरीकरण और अवसंरचना विकास।
  • परिणाम:
    • कृषि उत्पादकता में कमी।
    • स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव।
    • जैव विविधता का नुकसान।
  • सतत विकास की आवश्यकता: आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन।

🔹 जनसंख्या दबाव

  • भारत की तेज जनसंख्या वृद्धि संसाधनों, अवसंरचना और रोजगार पर दबाव डालती है।
  • चुनौतियाँ:
    • भोजन, पानी, आवास और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी।
    • शिक्षा और नौकरी बाजार पर दबाव।
    • मूलभूत सेवाओं की उपलब्धता में कठिनाई।
  • सरकारी प्रयास: परिवार नियोजन, जागरूकता अभियान, महिलाओं की शिक्षा।

🔹 कृषि में चुनौतियाँ

  • कृषि आज भी अर्ध से अधिक जनसंख्या का मुख्य जीविका स्रोत है।
  • समस्याएँ:
    • छोटे और खंडित खेत।
    • मौसमी निर्भरता और सिंचाई की कमी।
    • कम उत्पादकता और पुरानी तकनीक।
    • कर्ज और किसान संकट।
  • उपाय:
    • हरित क्रांति (HYV बीज, उर्वरक, सिंचाई)।
    • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)।
    • सब्सिडी और आधुनिक कृषि तकनीकें।

🔹 औद्योगिक और तकनीकी चुनौतियाँ

  • औद्योगिक विकास कुछ क्षेत्रों और क्षेत्रों तक सीमित है।
  • समस्याएँ:
    • अवसंरचना में कमी।
    • आधुनिक तकनीक अपनाने में धीमता।
    • महत्वपूर्ण तकनीक पर आयात निर्भरता।
    • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की अक्षमता।
  • रणनीति:
    • मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया।
    • तकनीक हस्तांतरण और कौशल विकास।
    • लघु और मध्यम उद्यमों (SMEs) को बढ़ावा।

🔹 शिक्षा और स्वास्थ्य में चुनौतियाँ

  • शिक्षा:
    • ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता और कौशल विकास कम।
    • गुणवत्ता में अंतर।
    • लिंग अंतर (लड़कियों की नामांकन और निरंतरता)।
  • स्वास्थ्य:
    • कुपोषण, शिशु और मातृ मृत्यु दर।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी।
    • प्रदूषण और जीवनशैली रोग।
  • सरकारी प्रयास:
    • सर्व शिक्षा अभियान, मध्याह्न भोजन योजना।
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, टीकाकरण अभियान।

🔹 वैश्वीकरण और विकास

  • वैश्वीकरण भारत के लिए अवसर और चुनौती दोनों लेकर आया।
  • अवसर:
    • विदेशी निवेश, तकनीक हस्तांतरण, वैश्विक बाजार।
  • चुनौतियाँ:
    • वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव का प्रभाव।
    • परंपरागत जीविकाओं पर दबाव।
    • विकास का असमान लाभ।
  • नीति पर ध्यान जरूरी: वैश्वीकरण का लाभ सभी तक पहुंचे।

🔹 राजनीतिक चुनौतियाँ

  • भारत में विकास पर राजनीतिक कारक प्रभाव डालते हैं।
  • चुनौतियाँ:
    • बार-बार सरकार परिवर्तन से नीति में अस्थिरता।
    • भ्रष्टाचार और संसाधनों का दुरुपयोग।
    • केंद्र और राज्य की प्राथमिकताओं में टकराव।
    • जाति, धर्म और क्षेत्रीय राजनीति के कारण नीति प्रभावित।

🔹 विकास चुनौतियों से निपटने की रणनीति

  1. गरीबी उन्मूलन: रोजगार गारंटी योजना, ग्रामीण विकास, सूक्ष्म वित्त।
  2. असमानता कम करना: आरक्षण, समावेशी शिक्षा, प्रगतिशील कर।
  3. रोजगार सृजन: कौशल विकास, उद्यमिता, श्रम-सघन क्षेत्रों में निवेश।
  4. सतत विकास: नवीकरणीय ऊर्जा, वनीकरण, प्रदूषण नियंत्रण।
  5. क्षेत्रीय विकास: विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ), पिछड़े क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन, अवसंरचना परियोजनाएँ।
  6. सामाजिक समावेशन: महिला सशक्तिकरण, SC/ST कल्याण, अल्पसंख्यक अधिकार संरक्षण।

🔹 निष्कर्ष

  • विकास एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, सिर्फ आर्थिक वृद्धि नहीं।
  • भारत को कई चुनौतियाँ हैं: गरीबी, असमानता, बेरोजगारी, क्षेत्रीय असमानता, पर्यावरणीय हानि और सामाजिक बहिष्कार।
  • सरकार की नीतियाँ, लोकतांत्रिक भागीदारी और सामाजिक आंदोलनों का महत्वपूर्ण योगदान है।
  • सतत और समावेशी विकास के लिए आर्थिक वृद्धि, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन जरूरी है।
  • भारत का विकास भविष्य उन नीतियों और सामाजिक भागीदारी पर निर्भर करेगा जो सभी वर्गों को लाभ पहुँचाएं

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