1. संख्याओं के प्रकार
- प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Numbers – N): 1, 2, 3, 4, …
- पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers – W): 0, 1, 2, 3, …
- पूर्णांक (Integers – Z): …, –3, –2, –1, 0, 1, 2, 3, …
- परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers – Q): वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ q ≠ 0 (उदाहरण: 3/5, −7/2)
- अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers): वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता। इनका दशमलव रूप अनंत और गैर-दोहरे (non-repeating) होता है (उदाहरण: √2, π)
- वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers – R): सभी परिमेय और अपरिमेय संख्याएँ मिलाकर।
2. दशमलव विस्तार (Decimal Expansion)
- सांत दशमलव (Terminating): जहाँ दशमलव समाप्त हो जाता है।
उदाहरण: 7/8 = 0.875 - अनंत दोहराव वाले दशमलव (Non-Terminating Repeating): दशमलव चलता रहता है लेकिन एक निश्चित पैटर्न में।
उदाहरण: 1/3 = 0.333… - अनंत गैर-दोहराव वाले दशमलव (Non-Terminating Non-Repeating): कभी समाप्त नहीं होता और कोई पैटर्न नहीं होता।
उदाहरण: √2 = 1.414213…
3. संक्रियाएँ और गुणधर्म
- परिमेय संख्याएँ जोड़ने, घटाने, गुणा करने और भाग देने पर परिमेय ही रहती हैं (शून्य को छोड़कर)।
- मिश्रित संक्रियाएँ:
- परिमेय ± अपरिमेय = अपरिमेय
- परिमेय × अपरिमेय (यदि ≠ 0) = अपरिमेय
- अपरिमेय ±/×/÷ अपरिमेय = परिणाम कभी परिमेय, कभी अपरिमेय
4. सूरद और मूल संख्याएँ (Surds and Roots)
- √(a × b) = √a × √b
- √(a/b) = √a ÷ √b
- (√a + √b)(√a − √b) = a − b
- (a + √b)(a − √b) = a² − b
- (√a + √b)² = a + b + 2√(ab)
5. प्रमेयकरण (Rationalization)
यदि हर में सूरद हो, तो उसे हटाने के लिए हर और अंश दोनों को उपयुक्त रूप से गुणा करते हैं।
उदाहरण:
1 / √2 = (1 × √2) / (√2 × √2) = √2 / 2
6. वास्तविक संख्याओं के घातांक नियम (Laws of Exponents)
मान लीजिए a > 0 तथा m, n पूर्णांक हैं:
- a^m × a^n = a^(m + n)
- a^m ÷ a^n = a^(m − n)
- (a^m)^n = a^(m × n)
- (a × b)^m = a^m × b^m
- (a / b)^m = a^m / b^m
7. √x को रेखा पर दर्शाना (Number Line Representation)
- AB = x इकाई लें, BC = 1 इकाई।
- AC की मध्यबिंदु O निकालें, और अर्धवृत्त बनाएँ।
- B से लंब खींचकर अर्धवृत्त को D बिंदु पर काटें।
- BD = √x
- BD को नंबर लाइन पर चाप से नापें और √x को दर्शाएँ।
📝 अभ्यास के लिए सुझाव
- दशमलव को भिन्न में बदलने का अभ्यास करें।
- परिमेय और अपरिमेय संख्याओं की जोड़, गुणा पर ध्यान दें।
- हर में सूरद होने पर प्रमेयकरण का अभ्यास करें।