कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान भारत में राष्ट्रवाद का उदय नोट्स 


🌍 राष्ट्रवाद का परिचय

🔹 राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जिसमें लोग साझा पहचान और एकता की भावना से जुड़ते हैं।
🔹 भारत में राष्ट्रवाद का उदय बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ।
🔹 प्रथम विश्व युद्ध, आर्थिक कठिनाइयाँ, और ब्रिटिश दमन ने स्वतंत्रता आंदोलन को तेज़ किया।


🏵️ प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रवादी आंदोलन

🔸 प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के प्रभाव:

  • सैन्य खर्चों में वृद्धि
  • कर और कीमतों में तेजी
  • जबरन सैनिक भर्ती
    🔹 भारतीयों ने ब्रिटिशों की सहायता की, बदले में राजनीतिक रियायतों की आशा की।
    🔸 लेकिन ब्रिटिशों ने उल्टे दमनकारी कानून बनाए, जिससे नाराज़गी बढ़ी

🧓 महात्मा गांधी का आगमन और भूमिका

🔹 महात्मा गांधी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे।
🔹 उन्होंने सत्याग्रह की नीति अपनाई –

  • सत्य (सच्चाई)
  • अहिंसा (हिंसा का विरोध)
    🔸 प्रारंभिक सत्याग्रह आंदोलन:
  • 1916 – चंपारण (बिहार) – नील किसानों के लिए
  • 1917 – खेड़ा (गुजरात) – कर माफी
  • 1918 – अहमदाबाद – मिल श्रमिकों की हड़ताल

🛑 रॉलेट एक्ट (1919)

🔸 यह कानून बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तारी की अनुमति देता था।
🔹 गांधी जी ने इसका देशव्यापी विरोध शुरू किया।

  • हड़तालें (हर्ताल)
  • धरने और प्रदर्शन

💔 जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)

🔹 दिन – 13 अप्रैल 1919, स्थान – अमृतसर
🔸 लोग शांतिपूर्वक एकत्र हुए थे, तभी जनरल डायर ने बिना चेतावनी गोलीबारी करवा दी।
🔹 सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घायल।
🔸 यह घटना देशव्यापी आक्रोश का कारण बनी।


🪔 खिलाफत आंदोलन (1919–1924)

🔹 नेता: अली बंधु – शौकत अली और मोहम्मद अली
🔹 उद्देश्य: खलीफा की सत्ता की रक्षा करना
🔸 गांधी जी ने इसका समर्थन किया ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता स्थापित हो।
🔹 इससे असहयोग आंदोलन की नींव पड़ी।


✊ असहयोग आंदोलन (1920–1922)

🔸 उद्देश्य: ब्रिटिश शासन से असहयोग करना
🔹 गांधी जी ने किया आह्वान:

  • सरकारी पदों और उपाधियों का बहिष्कार
  • विदेशी वस्त्रों और स्कूलों का बहिष्कार
  • न्यायालयों और सरकारी संस्थाओं से दूरी

🧵 आंदोलन का विस्तार:

📌 शहरों में – वकील, छात्र और शिक्षक आंदोलन में शामिल हुए।
📌 ग्रामीण क्षेत्रों में

  • अवध (उत्तर प्रदेश) में किसानों ने जमींदारों के खिलाफ आंदोलन किया।
  • गुडेम हिल्स (आंध्र प्रदेश) में अल्लूरी सीताराम राजू ने नेतृत्व किया।
    📌 चाय बागानों में – मजदूरों ने ब्रिटिश कानूनों का उल्लंघन किया।

🔚 आंदोलन की वापसी

🔹 चौरी चौरा कांड (1922) में हिंसा हुई।
🔹 गांधी जी ने आंदोलन वापस ले लिया, क्योंकि वे अहिंसा के पक्षधर थे।
🔸 कई नेताओं ने इस फैसले का विरोध कर स्वराज पार्टी बनाई।


📜 साइमन कमीशन (1928)

🔹 ब्रिटिश सरकार ने भारतीय संविधान पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कमीशन भेजा।
🔸 इसमें कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था, जिससे:

  • काले झंडे दिखाए गए
  • ✅ “साइमन वापस जाओ” के नारे लगे

🎯 पूर्ण स्वराज की मांग (1929)

🔹 लाहौर अधिवेशन (1929) में जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की।
🔸 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।


🚩 सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930–34)

🔸 नमक सत्याग्रह / दांडी मार्च (1930)

🔹 गांधी जी ने साबरमती से दांडी (240 मील) की पदयात्रा की।
🔸 6 अप्रैल 1930 को नमक बनाकर नमक कानून का उल्लंघन किया।
🔹 यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई।

💪 आंदोलन की विशेषताएँ:

करों का बहिष्कार
ब्रिटिश कानूनों को तोड़ना
सरकारी संस्थानों का बहिष्कार
विदेशी वस्त्रों और नमक का बहिष्कार


👩 महिलाओं और अन्य वर्गों की भूमिका

👩‍🌾 महिलाओं की भागीदारी:

🔹 उन्होंने:

  • जलूसों में भाग लिया
  • धरने, पिकेटिंग में हिस्सा लिया
    🔸 परंतु, उन्हें नेतृत्व की भूमिका नहीं मिली।

🧑‍🌾 किसान और आदिवासी:

🔹 करों में कमी, बेगार की समाप्ति, और जमीन का अधिकार माँगा।

👥 व्यापारी वर्ग:

🔸 उन्होंने स्वराज का समर्थन किया ताकि आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें।
🔹 FICCI जैसे संगठन बनाए।


✋ आंदोलन का अंत और सीमाएँ

🔹 आंदोलन 1934 में समाप्त हुआ।
🔸 यह तत्काल स्वतंत्रता तो नहीं दिला पाया, परंतु:

  • जनता को जागरूक किया
  • राष्ट्रवाद को मजबूत किया

🧩 सामूहिक एकता की भावना

🔹 राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हुए माध्यम:

  • भारतमाता की छवि (बंकिमचंद्र और अबनिंद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाई गई)
  • फोक कहानियाँ और लोकगीत
  • राष्ट्रीय झंडा और गीत (वंदे मातरम्)
  • त्योहार और परंपराएँ

🧠 महत्वपूर्ण शब्दावली

📌 सत्याग्रह – सत्य व अहिंसा पर आधारित आंदोलन
📌 असहयोग – ब्रिटिश सरकार से दूरी बनाना
📌 सविनय अवज्ञा – कानूनों का अहिंसात्मक उल्लंघन
📌 पूर्ण स्वराज – सम्पूर्ण स्वतंत्रता
📌 खिलाफत आंदोलन – मुस्लिमों द्वारा खलीफा की रक्षा के लिए आंदोलन
📌 जलियांवाला बाग – ब्रिटिश नरसंहार स्थल
📌 साइमन कमीशन – भारतीयों के बिना बनाया गया आयोग


📚 अध्याय सारांश

🔹 भारत में राष्ट्रवाद ने एक शक्तिशाली जन आंदोलन का रूप लिया।
🔸 गांधी जी ने इसे सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलाया।
🔹 जलियांवाला बाग, असहयोग, और नमक सत्याग्रह जैसे घटनाएँ राष्ट्रवादी चेतना को तेज़ करती रहीं।
🔸 सभी वर्गों ने अपनी-अपनी तरह से स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया।


✅ क्यों है यह अध्याय महत्वपूर्ण?

✔️ हर वर्ष बोर्ड परीक्षा में प्रश्न आता है
✔️ आधुनिक भारत के इतिहास को समझने की कुंजी है
✔️ राष्ट्रीय एकता, स्वराज, और अहिंसा की शक्ति को दर्शाता है


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