इतिहास – कक्षा 11 (कोर्स A)
नमूना प्रश्न पत्र — अध्याय : घुमंतू साम्राज्य (Nomadic Empires)
पूर्णांक : 40 | समय : 2 घंटे
SECTION A – VERY SHORT ANSWERS (1 × 4 = 4 Marks)
प्रश्न 1–4 के उत्तर 20–30 शब्दों में दें।
प्र1. मंगोलों की सामाजिक पृष्ठभूमि की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- मंगोल घुमंतू पशुपालक समाज थे।
- वे कुल (क्लान) आधारित संगठन में रहते थे और आपसी निष्ठा व सैन्य कौशल पर जोर देते थे।
प्र2. चंगेज़ ख़ान के उदय का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर:
उन्होंने विभिन्न मंगोल कबीलों को संगठित किया, नेतृत्व कौशल दिखाया और रक्त–बंधुता तथा सैन्य दक्षता के आधार पर सत्ता पाई।
प्र3. मंगोल साम्राज्य के विस्तार में ‘याम’ प्रणाली का क्या महत्त्व था?
उत्तर:
‘याम’ घुड़सवार डाक प्रणाली थी, जिससे संचार तेज हुआ, सैनिकों की आवाजाही सरल हुई और विशाल साम्राज्य का प्रशासन संभव हुआ।
प्र4. बटू ख़ान कौन थे?
उत्तर:
वे चंगेज़ ख़ान के पौत्र थे जिन्होंने गोल्डन होर्ड (स्वर्ण झुंड) की स्थापना की और रूस तथा पूर्वी यूरोप में मंगोल शक्ति का विस्तार किया।
SECTION B – SHORT ANSWERS (3 × 3 = 9 Marks)
प्र5–7 के उत्तर लगभग 80–100 शब्दों में दें।
प्र5. मंगोल समाज की राजनीतिक संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मंगोल समाज कबीलों में बँटा था। प्रत्येक कबीले का मुखिया ‘नोयन’ कहलाता था। कबीलों के संघ को ‘इल’ कहा जाता था। चंगेज़ ख़ान ने इन्हें एक केंद्रीकृत सत्ता के अधीन किया। ‘कुरिलताई’ (महासभा) प्रमुख निर्णय लेती थी, जहाँ खानों का चुनाव और युद्ध-शांति के निर्णय होते थे। नेतृत्व व्यक्तिगत क्षमता, सैन्य योग्यता और निष्ठा पर आधारित था, न कि केवल वंश पर। इसने साम्राज्य को सुदृढ़ बनाया।
प्र6. चंगेज़ ख़ान के प्रमुख सैन्य सुधारों का वर्णन करें।
उत्तर:
चंगेज़ ख़ान ने सेना को दस आधारित इकाइयों (10, 100, 1000, 10000) में बाँटा। सैनिकों को कठोर अनुशासन, तेज घुड़सवारी और तीरंदाजी में प्रशिक्षित किया गया। जासूसी तंत्र विकसित किया गया। याम डाक प्रणाली से संचार तेज हुआ। युद्ध में ‘नकली पीछे हटना’ जैसी रणनीतियों ने उन्हें अपराजेय बनाया।
प्र7. चंगेज़ ख़ान की मृत्यु के बाद साम्राज्य चार भागों में कैसे बँटा? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
1227 में चंगेज़ ख़ान की मृत्यु के बाद उनके पुत्रों में साम्राज्य बाँटा गया:
- ओगेदेई ख़ान – महान खान और मुख्य सत्ता
- चगताई – मध्य एशिया
- टोलुई – पूर्वी मंगोलिया
- जोची के वंशज – रूस व पश्चिमी क्षेत्र (गोल्डन होर्ड)
यह विभाजन वंशानुक्रम के साथ-साथ प्रशासनिक सुविधा के कारण भी हुआ।
SECTION C – LONG ANSWERS (5 × 3 = 15 Marks)
प्र8–10 के उत्तर लगभग 150–200 शब्दों में दें।
प्र8. चंगेज़ ख़ान के जीवन और उसके साम्राज्य-निर्माण की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चंगेज़ ख़ान (तेमूजिन) का जन्म 1162 में एक साधारण मंगोल कुल में हुआ। पिता की मृत्यु के बाद कठिन परिस्थितियों में उन्होंने जीवन बिताया। युवावस्था में उन्होंने अपने चारों ओर वफादार सहयोगियों का समूह बनाया। रक्त-बंधुता (अंद) और मेरिट आधारित पदोन्नति ने उन्हें अन्य कबीलों से अलग बना दिया।
1206 में कुरिलताई में उन्हें ‘चंगेज़ ख़ान’ की उपाधि दी गई। उन्होंने मंगोल कबीलों को एकजुट करके एक मजबूत सैन्य शक्ति तैयार की। उइघुरों, तातारों, क़िरग़ीज़ आदि को हराया। इसके बाद मध्य एशिया, उत्तरी चीन, ख्वारज़्म साम्राज्य और सिल्क रूट के नगरों पर विजय प्राप्त की।
उनकी सफलता का आधार था— अनुशासित सेना, तेज घुड़सवार, उन्नत जासूसी तंत्र और नवीन युद्धनीति। उन्होंने व्यापार, संचार और सुरक्षा के लिए याम प्रणाली लागू की।
चंगेज़ ख़ान ने दुनिया का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य स्थापित किया, जिसका प्रभाव एशिया से यूरोप तक महसूस किया गया।
प्र9. मंगोल साम्राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सैन्य संगठन का विस्तृत विवरण दीजिए।
उत्तर:
सामाजिक संगठन:
मंगोल घुमंतू पशुपालक थे, जो युर्ट में रहते थे। समाज कुलों पर आधारित था, और परिवार, कबीला तथा जनजाति मुख्य इकाइयाँ थीं। निष्ठा, आपसी सहयोग और नेतृत्व की क्षमता का महत्व था।
राजनीतिक संगठन:
कुरिलताई सर्वोच्च सभा थी। खान सर्वोच्च शासक, परंतु निर्णय सामूहिक थे। प्रशासन सरल लेकिन प्रभावी था। कबीलाई नेताओं को साम्राज्य में भूमिका दी गई।
सैन्य संगठन:
सेना को दस आधारित इकाइयों में बाँटा गया— अरबान (10), जगुन (100), मिंगन (1000), तुमेन (10,000)। सैनिक उत्कृष्ट तीरंदाज, घुड़सवार और अनुशासित थे। याम संचार तंत्र, जासूसी नेटवर्क और मनोवैज्ञानिक युद्धनीति सेना की विशेषताएँ थीं।
यह संगठन मंगोलों को विश्व की एक सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति बनाता था।
प्र10. मंगोल साम्राज्य का विश्व इतिहास पर प्रभाव समझाइए।
उत्तर:
मंगोल साम्राज्य ने एशिया और यूरोप को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सिल्क रूट को सुरक्षित किया गया, जिससे पूर्व–पश्चिम व्यापार फला-फूला।
- तकनीक, कृषि, चिकित्सा और कला का आदान–प्रदान बढ़ा।
- ‘पैक्स मंगोलिका’ के दौरान यात्रियों, व्यापारियों और मिशनरियों को सुरक्षा मिली।
- प्रशासनिक सुधारों ने रूस, चीन और मध्य एशिया में शासन व्यवस्था को प्रभावित किया।
- यूरोप में तोप, बारूद, पोस्ट प्रणाली जैसी अनेक चीनी–मंगोल तकनीकें पहुँचीं।
- वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक एवं आर्थिक संपर्कों का विस्तार हुआ।
इस प्रकार मंगोल साम्राज्य ने मध्यकालीन विश्व को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
SECTION D – MAP / SOURCE BASED (3 + 3 = 6 Marks)
प्र11. निम्न स्रोतांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दें।
“मंगोल साम्राज्य ने सिल्क रूट पर सुरक्षा और प्रशासनिक एकरूपता सुनिश्चित की, जिससे व्यापार और यात्राएँ आसान हुईं।”
(i) सिल्क रूट क्यों महत्वपूर्ण था?
उत्तर: यह पूर्व और पश्चिम के बीच मसालों, रेशम, घोड़ों, धातुओं और ज्ञान का प्रमुख व्यापार मार्ग था।
(ii) मंगोलों द्वारा सिल्क रूट की सुरक्षा से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: व्यापार बढ़ा, शहर विकसित हुए, सांस्कृतिक संपर्क और तकनीकी आदान–प्रदान तेज हुआ।
(iii) किस शासक ने सिल्क रूट को सबसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया?
उत्तर: चंगेज़ ख़ान और उनके उत्तराधिकारियों ने।
प्र12. मानचित्र प्रश्न:
नक्शे पर निम्न स्थानों को चिन्हित करें:
- कराकोरम
- सामरकंद
- ख्वारज़्म
उत्तर (विवरण):
- कराकोरम – मंगोल साम्राज्य की प्रारंभिक राजधानी (मंगोलिया)।
- सामरकंद – मध्य एशिया का प्रमुख नगर और सिल्क रूट केंद्र।
- ख्वारज़्म – मध्य एशिया का साम्राज्य जिसे मंगोलों ने जीता।
यह प्रश्न पत्र पूर्ण हुआ।
यदि चाहें तो मैं PDF, और कठिन/आसान संस्करण, या प्रैक्टिस वर्कशीट भी बना दूँ।
