🧾 कक्षा 12 – इतिहास (कोर्स B)
अध्याय 2 : भक्ति–सूफी परंपराएँ
(धार्मिक मान्यताओं और भक्ति ग्रंथों में परिवर्तन, ई.स. 8वीं से 18वीं शताब्दी तक)
पूर्णांक: 100 समय: 3 घंटे
सामान्य निर्देश:
- सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- शब्द सीमा का ध्यान रखें।
- अंक प्रश्न के आगे लिखे हैं।
- जहाँ संभव हो, उदाहरण दीजिए।
खंड A – अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1×4=4 अंक)
प्र1. ‘भक्ति’ शब्द का संस्कृत में क्या अर्थ है?
उत्तर: भक्ति का अर्थ है – ईश्वर के प्रति प्रेम, समर्पण और श्रद्धा।
अंक: 1
प्र2. भारत में दो प्रमुख सूफी सिलसिले (ऑर्डर) के नाम बताइए।
उत्तर: चिश्ती और सुहरवर्दी सिलसिला।
अंक: 1
प्र3. वीरशैव या लिंगायत आंदोलन की स्थापना किसने की?
उत्तर: बसवन्ना (बसवेश्वर)।
अंक: 1
प्र4. दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध महिला भक्ति कवयित्री का नाम लिखिए।
उत्तर: आंडाल।
अंक: 1
खंड B – लघु उत्तरीय प्रश्न (3×6=18 अंक)
प्र5. प्रारम्भिक भक्ति परंपराओं की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- वेदों की यज्ञ परंपरा के स्थान पर प्रेम और समर्पण को महत्व दिया।
- जाति भेद और पुरोहितवाद का विरोध किया।
- ईश्वर से सीधा संबंध रखने पर बल दिया।
- स्थानीय भाषाओं में भक्ति गीतों की रचना हुई।
- प्रमुख संत – अप्पर, सम्बंदर, सुंदरर, और आंडाल।
अंक: 3
प्र6. बसवन्ना और वीरशैव परंपरा की शिक्षाएँ क्या थीं?
उत्तर:
- ब्राह्मणवादी रीतियों और जातिभेद का विरोध।
- पुरुष और महिला की समानता पर बल।
- ‘इष्टलिंग’ की उपासना (गले में पहना जाने वाला लिंग)।
- मूर्ति पूजा और मंदिर निर्माण का विरोध।
- ‘अनुभव मंटप’ के माध्यम से सामूहिक चर्चा और भक्ति का प्रचार।
अंक: 3
प्र7. सूफी साधना की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
- ईश्वर के प्रति प्रेम, समर्पण और करुणा पर बल।
- जिक्र (ईश्वर का नाम जपना) और समा (संगीत) का प्रयोग।
- धन, शक्ति और अहंकार का त्याग।
- सभी धर्मों और जातियों के बीच समानता।
- ‘खानकाह’ (सूफी आश्रम) में सेवा और शिक्षा का प्रसार।
अंक: 3
प्र8. चिश्ती सूफियों ने भारत में अपने को स्थानीय वातावरण में कैसे ढाला?
उत्तर:
- स्थानीय भाषाओं (जैसे हिंदवी) का प्रयोग किया।
- स्थानीय त्योहारों और रीति–रिवाजों में भाग लिया।
- राजनीति से दूरी बनाए रखी।
- आम जनता से घनिष्ठ संबंध रखा।
- सभी धर्मों के लोगों से दान स्वीकार किया।
अंक: 3
खंड C – दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (6×5=30 अंक)
प्र9. भक्ति आंदोलन और सूफी आंदोलन की तुलना कीजिए।
उत्तर:
| पहलू | भक्ति आंदोलन | सूफी आंदोलन |
|---|---|---|
| उत्पत्ति | हिन्दू परंपरा से | इस्लामी रहस्यवादी परंपरा से |
| केंद्र | ईश्वर के प्रति प्रेम | अल्लाह के प्रति प्रेम |
| अनुष्ठान | जाति और कर्मकांड का विरोध | शरीअत और औपचारिकता का विरोध |
| भाषा | क्षेत्रीय भाषाएँ | फ़ारसी, हिंदी और स्थानीय बोलियाँ |
| लक्ष्य | भक्ति से मोक्ष प्राप्ति | प्रेम से ईश्वर से एकत्व |
| समानताएँ | सहिष्णुता, समानता, करुणा और आंतरिक शुद्धता |
अंक: 5
प्र10. कबीर की शिक्षाओं और योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- मूर्ति पूजा, जातिवाद और कर्मकांडों का विरोध।
- निर्गुण भक्ति (रूपरहित ईश्वर की उपासना) का समर्थन।
- सरल हिंदी में दोहों के माध्यम से संदेश।
- ‘राम’ और ‘रहमान’ को एक माना।
- हिन्दू–मुस्लिम एकता का संदेश दिया।
- उनकी रचनाएँ बीजक और आदि ग्रंथ में संकलित हैं।
अंक: 5
प्र11. भक्ति आंदोलन में महिलाओं की भूमिका समझाइए।
उत्तर:
- महिलाओं ने धार्मिक बंधनों को तोड़ा और भक्ति मार्ग अपनाया।
- आंडाल (तमिलनाडु) ने विष्णु की आराधना की और तमिल में भक्ति गीत रचे।
- मीराबाई (राजस्थान) ने कृष्ण भक्ति की और सामाजिक परंपराओं को ठुकराया।
- अक्का महादेवी (कर्नाटक) ने समानता और आत्मिक स्वतंत्रता पर बल दिया।
- इससे समाज में स्त्रियों की स्थिति सुधारने की दिशा मिली।
अंक: 5
प्र12. सूफी कविताओं और साहित्य की प्रमुख विषय-वस्तुएँ बताइए।
उत्तर:
- प्रेम को ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग माना।
- फना (ईश्वर में आत्मा का विलय) का सिद्धांत।
- सहिष्णुता, मानवता और करुणा का संदेश।
- प्रतीकात्मक भाषा – ‘मय’, ‘साक़ी’, ‘बाग़’ जैसे रूपक।
- प्रमुख कवि: रूमी, हाफ़िज़, आमिर खुसरो, बुल्ले शाह।
अंक: 5
प्र13. मध्यकालीन भारत में भक्ति और सूफी संतों के बीच पारस्परिक प्रभाव को समझाइए।
उत्तर:
- दोनों ने प्रेम, एकता और समानता पर बल दिया।
- धर्म के कट्टर रूपों का विरोध किया।
- स्थानीय भाषाओं में संदेश दिया।
- ईश्वर की एकता और करुणा की भावना समान थी।
- इनसे भारतीय समाज में मिश्रित (सांस्कृतिक) परंपरा विकसित हुई।
अंक: 5
प्र14. इतिहासकार धार्मिक परंपराओं जैसे भक्ति और सूफी आंदोलन का पुनर्निर्माण कैसे करते हैं?
उत्तर:
- संतों की रचनाओं, हागियोग्राफियों और भक्ति गीतों का अध्ययन।
- अभिलेख, सिक्के, स्थापत्य साक्ष्यों का उपयोग।
- मौखिक परंपराओं और पांडुलिपियों का विश्लेषण।
- विभिन्न क्षेत्रों की तुलना कर क्षेत्रीय भिन्नताएँ समझना।
- मिथक और वास्तविक घटनाओं में भेद कर ऐतिहासिक सत्य निकालना।
अंक: 5
खंड D – स्रोत आधारित प्रश्न (3×8=24 अंक)
प्र15. स्रोत 1 : बसवन्ना की वाणी
“धनी लोग शिव के लिए मंदिर बनाते हैं।
मैं, जो निर्धन हूँ, क्या करूँ?
मेरे पैर स्तंभ हैं, मेरा शरीर मंदिर है,
मेरा सिर स्वर्ण शिखर है।”
(क) बसवन्ना इस कविता में क्या कहना चाहते हैं? (2)
(ख) यह वीरशैव आंदोलन के मूल्यों को कैसे दर्शाती है? (3)
(ग) यह तत्कालीन समाज की किन प्रवृत्तियों की आलोचना करती है? (3)
उत्तर:
(क) बसवन्ना कहना चाहते हैं कि सच्ची भक्ति मंदिर या धन से नहीं, आत्मा की पवित्रता से होती है।
(ख) यह व्यक्तिगत भक्ति और कर्मकांड विरोधी भावना को दर्शाती है।
(ग) यह अमीर–गरीब असमानता और ब्राह्मणवादी मंदिर संस्कृति की आलोचना करती है।
अंक: 8
प्र16. स्रोत 2 : एक सूफी संत का संदेश
“नदी की तरह सहिष्णु बनो, जो अच्छा–बुरा नहीं देखती, सबको पानी देती है।”
(क) इस वाक्य का मूल संदेश क्या है? (2)
(ख) यह सूफी विचारों को कैसे प्रतिबिंबित करता है? (3)
(ग) ऐसे विचारों का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा? (3)
उत्तर:
(क) संदेश है – सभी के प्रति समानता और प्रेम रखना।
(ख) यह सूफी करुणा, दया और मानवता की भावना को दिखाता है।
(ग) समाज में धार्मिक सहिष्णुता और साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा मिला।
अंक: 8
प्र17. स्रोत 3 : कबीर की वाणी
“जो तू खोजे रहा निरंतर, सो तो तेरे भीतर है।
मंदिर मस्जिद मत ढूँढ, खुद में ही उसको पा।”
(क) कबीर यहाँ किस बात का विरोध कर रहे हैं? (2)
(ख) ईश्वर तक पहुँचने का सच्चा मार्ग वे क्या बताते हैं? (3)
(ग) उनके विचारों का बाद के सुधार आंदोलनों पर क्या प्रभाव पड़ा? (3)
उत्तर:
(क) कबीर बाहरी पूजा, मंदिर–मस्जिद और कर्मकांड का विरोध कर रहे हैं।
(ख) वे आंतरिक शुद्धता और आत्म–अन्वेषण को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताते हैं।
(ग) उनके विचारों ने सिख धर्म, नानक और अन्य संत आंदोलनों को प्रेरित किया।
अंक: 8
खंड E – मानचित्र प्रश्न (4 अंक)
प्र18. भारत के रेखांकित मानचित्र पर निम्नलिखित स्थान चिन्हित करें :
(a) दिल्ली – चिश्ती सूफियों का केंद्र
(b) पंढरपुर – वर्करी भक्ति परंपरा से जुड़ा स्थान
(c) काशी (वाराणसी) – कबीर से संबंधित स्थान
(d) श्रृंगेरी – दक्षिण भारत का प्रारंभिक भक्ति केंद्र
अंक: 4
कुल अंक : 100
✅ पेपर समाप्त हुआ
