कक्षा 11 राजनीतिक विज्ञान – कोर्स A
अध्याय 9: संविधान एक जीवंत दस्तावेज़
अधिकतम अंक: 35
समय: 2 घंटे
सामान्य निर्देश:
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- उत्तर संक्षिप्त और सटीक होने चाहिए।
- जहाँ आवश्यक हो उदाहरण दें।
- प्रत्येक प्रश्न के अंक दिए गए हैं।
सेक्शन A: बहुत छोटे उत्तर प्रश्न (1 × 5 = 5 अंक)
प्र.1 “जीवंत संविधान” का अर्थ बताइए।
उत्तर: जीवंत संविधान वह है जो समय के साथ बदलता और विकसित होता है। यह समाज की बदलती आवश्यकताओं को संशोधन, न्यायिक व्याख्या और राजनीतिक प्रथाओं के माध्यम से पूरा करता है। भारत का संविधान ऐसा जीवंत दस्तावेज़ है।
प्र.2 भारत के संविधान में बार-बार संशोधन होने का एक कारण बताइए।
उत्तर: भारत एक गतिशील समाज है, और राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक परिस्थितियों में बदलाव के कारण संविधान को सुसंगत और प्रासंगिक बनाए रखने हेतु संशोधन आवश्यक होते हैं।
प्र.3 संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत संशोधन किया जाता है?
उत्तर: अनुच्छेद 368।
प्र.4 कोई एक ऐसा संविधान संशोधन बताइए जिसे राज्यों की पुष्टि की आवश्यकता थी।
उत्तर: 73वाँ संशोधन (1992) — पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिया गया और राज्यों की पुष्टि आवश्यक थी।
प्र.5 “मौलिक संरचना” का अर्थ क्या है?
उत्तर: मौलिक संरचना संविधान के मुख्य सिद्धांतों (जैसे लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, शक्तियों का पृथक्करण) को दर्शाती है जिन्हें संशोधन के माध्यम से नहीं बदला जा सकता। यह सिद्धांत केशवनंद भारती बनाम केरल (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने दिया।
सेक्शन B: लघु उत्तर प्रश्न (3 × 5 = 15 अंक)
प्र.6 साधारण बहुमत और विशेष बहुमत में अंतर बताइए।
उत्तर:
| विशेषता | साधारण बहुमत | विशेष बहुमत |
|---|---|---|
| आवश्यकता | सामान्य कानून की तरह पारित | उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई + कुल सदस्यता का बहुमत |
| लागू होता है | मामूली प्रावधान जैसे नए राज्यों का निर्माण | महत्वपूर्ण प्रावधान जैसे मौलिक अधिकार, राज्य नीति के निदेशक तत्व |
| उदाहरण | नए राज्यों का निर्माण (अनुच्छेद 3) | मौलिक अधिकार संशोधन |
प्र.7 न्यायपालिका संविधान को जीवंत बनाने में कैसे योगदान देती है?
उत्तर:
- न्यायिक पुनरावलोकन — कानून और संशोधनों की संवैधानिकता की जांच।
- मौलिक अधिकारों का विस्तार — जैसे निजता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार।
- मौलिक अधिकार और निदेशक तत्वों का संतुलन।
- संघीय ढांचे की सुरक्षा — केंद्र और राज्यों की सीमाओं का पालन।
- मौलिक संरचना की व्याख्या — संविधान की मुख्य पहचान सुरक्षित रखना।
प्र.8 भारतीय संविधान के विकास में योगदान देने वाले तीन कारण बताइए।
उत्तर:
- गतिशील समाज — सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी बदलाव।
- राजनीतिक विकास — सरकारों की नीतियाँ और विचारधाराएँ।
- न्यायिक व्याख्या — सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय।
- वैश्वीकरण एवं आधुनिकीकरण — आधुनिक आवश्यकताओं को लागू करना।
प्र.9 राज्यों द्वारा संविधान संशोधन की पुष्टि की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
- संशोधन विशेष बहुमत से संसद में पारित होता है।
- इसके बाद इसे राज्य विधानसभाओं को भेजा जाता है।
- कम से कम आधे राज्यों द्वारा इसे मंजूरी देना आवश्यक है।
- यह संघीय संतुलन और केंद्र-राज्य संबंध सुनिश्चित करता है।
- उदाहरण: 73वाँ और 74वाँ संशोधन, 7वाँ संशोधन।
प्र.10 भारत के संविधान को जीवंत दस्तावेज़ क्यों कहा जाता है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- यह समय के साथ संशोधन, न्यायिक व्याख्या और राजनीतिक अभ्यास के माध्यम से विकसित होता है।
- उदाहरण:
- 24वाँ संशोधन (1971) — गोलकनाथ मामले के बाद मौलिक अधिकारों को संशोधित किया।
- 101वाँ संशोधन (2016) — GST लागू करना।
सेक्शन C: दीर्घ उत्तर प्रश्न (5 × 3 = 15 अंक)
प्र.11 मौलिक संरचना सिद्धांत और इसकी महत्ता समझाइए।
उत्तर:
- उद्भव: केशवनंद भारती बनाम केरल, 1973।
- अर्थ: संसद संविधान में संशोधन कर सकती है, लेकिन मौलिक संरचना नहीं बदल सकती।
- मुख्य तत्व:
- संविधान की सर्वोच्चता
- लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, गणराज्य स्वरूप
- शक्तियों का पृथक्करण
- संघीय ढांचा
- न्यायिक पुनरावलोकन और कानून का शासन
- महत्ता:
- संविधान के मुख्य सिद्धांतों की रक्षा।
- स्थिरता और निरंतरता बनाए रखना।
- संशोधन में लचीलापन लेकिन पहचान सुरक्षित रखना।
- लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा।
प्र.12 भारत में संविधान में बार-बार संशोधन होने के कारण समझाइए।
उत्तर:
- गतिशील समाज — सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव।
- राजनीतिक विकास — सरकार की नीतियाँ और विचारधारा।
- सामाजिक और आर्थिक सुधार — भूमि सुधार, समानता, महिला सशक्तिकरण।
- न्यायिक व्याख्या — कोर्ट के निर्णयों के कारण संशोधन।
- संघीय समायोजन — केंद्र और राज्यों के संबंधों का संतुलन।
- वैश्वीकरण और आधुनिकीकरण — आधुनिक आर्थिक सुधार।
- राजनीतिक सहमति — पंचायत व्यवस्था जैसे बड़े सुधार।
प्र.13 राजनीतिक नेतृत्व और न्यायपालिका का संविधान को जीवंत बनाने में योगदान समझाइए।
उत्तर:
- राजनीतिक नेतृत्व:
- कानून और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान।
- अनुभव से सीखना (आपातकाल और 44वाँ संशोधन)।
- व्यापक राजनीतिक सहमति (GST, पंचायत राज)।
- शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन और लोकतंत्र की निरंतरता।
- न्यायपालिका:
- मौलिक अधिकार और निदेशक तत्वों की व्याख्या।
- संघीय ढांचे और केंद्र-राज्य संबंधों की रक्षा।
- मौलिक संरचना सिद्धांत के माध्यम से संशोधन शक्ति का संतुलन।
- संविधान संशोधन के दौरान मुख्य मूल्यों की सुरक्षा।
प्र.14 भारतीय संविधान स्थिरता और लचीलापन को कैसे संतुलित करता है?
उत्तर:
- स्थिरता:
- मौलिक संरचना हमेशा सुरक्षित रहती है।
- कानून का शासन और लोकतांत्रिक संस्थाएं बनाए रखी जाती हैं।
- लचीलापन:
- संशोधन समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं के अनुसार।
- न्यायिक व्याख्याएँ अधिकारों का विस्तार और स्पष्टता प्रदान करती हैं।
- उदाहरण:
- 73वाँ संशोधन — पंचायतों का संवैधानिक दर्जा।
- मेनेका गांधी मामला — जीवन के अधिकार का अर्थ और निजता, गरिमा शामिल करना।
- इस संतुलन से संविधान समय के अनुसार प्रासंगिक और स्थायी रहता है।
अंक तालिका
| सेक्शन | प्रश्न संख्या | अंक |
|---|---|---|
| बहुत छोटे उत्तर | 1–5 | 5 |
| लघु उत्तर | 6–10 | 15 |
| दीर्घ उत्तर | 11–14 | 15 |
| कुल | — | 35 |
