lesson-6 नागरिकता (Citizenship)class 11 course B


🟩 नागरिकता (Citizenship)

📘 नागरिकता का अर्थ (What is Citizenship?)

नागरिकता वह कानूनी और नैतिक स्थिति है जिसके अंतर्गत कोई व्यक्ति किसी राज्य या देश का सदस्य होता है।
नागरिकता व्यक्ति को राज्य से अधिकार प्राप्त करने तथा उसके प्रति कर्तव्यों का पालन करने का अवसर देती है।

👉 नागरिकता का अर्थ है —
“किसी राज्य के प्रति व्यक्ति की निष्ठा और उस राज्य द्वारा व्यक्ति की सुरक्षा।”

नागरिकता व्यक्ति और राज्य के बीच एक द्विपक्षीय संबंध स्थापित करती है —
जहाँ व्यक्ति राज्य का पालन करता है और राज्य व्यक्ति को अधिकार एवं सुरक्षा प्रदान करता है।


🟦 नागरिकता के प्रकार (Types of Citizenship)

1️⃣ जन्म से नागरिकता (Citizenship by Birth)
यदि कोई व्यक्ति भारत में जन्मा है, तो उसे स्वाभाविक रूप से भारतीय नागरिक माना जाता है (कुछ शर्तों के साथ)।

2️⃣ वंशानुगत नागरिकता (Citizenship by Descent)
यदि कोई व्यक्ति विदेश में जन्मा है, पर उसके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं, तो वह वंश के आधार पर भारतीय नागरिक हो सकता है।

3️⃣ पंजीकरण द्वारा नागरिकता (Citizenship by Registration)
जो व्यक्ति भारत के नागरिक नहीं हैं, वे कुछ शर्तों के अंतर्गत भारत सरकार से आवेदन कर नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।

4️⃣ नागरिकता ग्रहण (Citizenship by Naturalization)
यदि कोई विदेशी व्यक्ति भारत में एक निश्चित समय तक रहता है और भारत की संस्कृति एवं संविधान के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करता है, तो उसे नागरिकता दी जा सकती है।

5️⃣ नागरिकता का समावेशन (Citizenship by Incorporation of Territory)
यदि किसी क्षेत्र को भारत में जोड़ा जाता है, तो उस क्षेत्र के निवासी स्वतः भारतीय नागरिक बन जाते हैं।


🟨 भारतीय नागरिकता से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

भारत के संविधान का भाग II (अनुच्छेद 5 से 11) नागरिकता से संबंधित है।
इन अनुच्छेदों में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत के नागरिकों की स्थिति स्पष्ट की गई थी।

👉 इसके अतिरिक्त नागरिकता अधिनियम 1955 के माध्यम से नागरिकता से जुड़े नियम, प्रक्रियाएँ और संशोधन निर्धारित किए गए हैं।


🟧 नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य (Rights and Responsibilities of Citizens)

नागरिकता केवल अधिकारों का समूह नहीं है, बल्कि यह कर्तव्यों की भावना से भी जुड़ी है।
एक सच्चे नागरिक को अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।

🟢 नागरिकों के प्रमुख अधिकार (Rights of Citizens)

1️⃣ मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) – समानता, स्वतंत्रता, धर्म, शिक्षा आदि।
2️⃣ राजनीतिक अधिकार – मतदान का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार।
3️⃣ सामाजिक और आर्थिक अधिकार – काम, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान का अधिकार।
4️⃣ संस्कृतिक अधिकार – अपनी भाषा, धर्म और परंपराओं को बनाए रखने का अधिकार।

👉 ये अधिकार नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की गारंटी देते हैं।


🔵 नागरिकों के प्रमुख कर्तव्य (Responsibilities of Citizens)

संविधान के अनुच्छेद 51(A) में 11 मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है।
मुख्य कर्तव्य इस प्रकार हैं 👇

1️⃣ संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों का सम्मान करना।
2️⃣ राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
3️⃣ भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना।
4️⃣ देश की रक्षा करना और राष्ट्रसेवा के लिए तत्पर रहना।
5️⃣ समाज में सौहार्द और भाईचारा बनाए रखना।
6️⃣ पर्यावरण की रक्षा करना।
7️⃣ वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना।
8️⃣ सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना।
9️⃣ माता-पिता और बड़ों का सम्मान करना।
🔟 उत्कृष्ट कार्यों के प्रति समर्पित रहना।

👉 जब नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तभी राज्य उनके अधिकारों की रक्षा कर सकता है।


🟥 नागरिकता का परिवर्तित स्वरूप (Changing Nature of Citizenship: Global & Local)

🌍 वैश्विक नागरिकता (Global Citizenship)

आज के दौर में नागरिकता की अवधारणा केवल किसी एक देश तक सीमित नहीं रही है।
वैश्वीकरण (Globalization) और तकनीकी प्रगति ने नागरिकों को दुनिया भर से जोड़ दिया है।

वैश्विक नागरिकता की प्रमुख विशेषताएँ 👇

1️⃣ व्यक्ति केवल अपने देश का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का जिम्मेदार सदस्य बनता है।
2️⃣ पर्यावरण संरक्षण, मानव अधिकार और शांति बनाए रखने में सहभागिता।
3️⃣ अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे – UNO, WHO, UNESCO आदि के प्रति सहयोग।
4️⃣ डिजिटल पहचान और वैश्विक संवाद से नागरिकता की सीमाएँ विस्तारित हो रही हैं।

👉 वैश्विक नागरिकता का उद्देश्य “वसुधैव कुटुम्बकम्” – अर्थात् सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार मानना है।


🏙️ स्थानीय नागरिकता (Local Citizenship)

स्थानीय नागरिकता का अर्थ है – किसी राज्य, नगर, या ग्राम पंचायत स्तर पर नागरिक का सक्रिय भाग लेना।
यह नागरिकता व्यक्ति को अपने स्थानीय समुदाय के प्रति जिम्मेदार बनाती है।

स्थानीय नागरिकता की विशेषताएँ 👇

1️⃣ स्थानीय निकायों – पंचायत, नगरपालिका आदि में सहभागिता।
2️⃣ स्वच्छता, शिक्षा और विकास कार्यों में योगदान।
3️⃣ स्थानीय प्रशासन से संवाद और सहयोग।
4️⃣ समुदाय आधारित निर्णय प्रक्रिया में भाग लेना।

👉 स्थानीय नागरिकता से लोकतंत्र की जड़ें मज़बूत होती हैं और नागरिक समाज के विकास में सहयोग करते हैं।


🟩 निष्कर्ष (Conclusion)

नागरिकता व्यक्ति और राज्य के बीच विश्वास, जिम्मेदारी और अधिकारों का संबंध स्थापित करती है।
एक आदर्श नागरिक वही है जो अपने अधिकारों का उपयोग विवेकपूर्वक करे और अपने कर्तव्यों का पालन निष्ठापूर्वक करे।

आज के बदलते विश्व में नागरिकता की परिभाषा केवल कानूनी पहचान तक सीमित नहीं, बल्कि यह नैतिक, सामाजिक और वैश्विक दायित्वों से जुड़ी है।

यदि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों में संतुलन बनाए रखे, तो न केवल राष्ट्र बल्कि पूरा विश्व शांति, समानता और न्याय का प्रतीक बन सकता है।


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