📘 संधि (Sandhi) – CBSE Class 12 Hindi व्याकरण
🌞 परिचय
‘संधि’ शब्द का अर्थ है — मेल या जोड़। जब दो वर्ण मिलकर नया रूप धारण करते हैं, तो उस परिवर्तन को संधि कहा जाता है।
📚 संधि की परिभाषा
जब दो शब्दों या वर्णों के मिलने पर उनके स्वरों या व्यंजनों में ध्वनि परिवर्तन हो जाता है, उसे संधि कहते हैं।
- राज + कुमार = राजकुमार
- गुरु + ईश = गुरूईश → गुरूईश्वर
- विद्या + आलय = विद्यालय
🌿 संधि के प्रकार
मुख्य रूप से संधि के तीन प्रकार होते हैं —
- 1️⃣ स्वर संधि
- 2️⃣ व्यंजन संधि
- 3️⃣ विसर्ग संधि
1️⃣ स्वर संधि
जब दो स्वर मिलकर परिवर्तन करते हैं, तो उसे स्वर संधि कहते हैं।
स्वर संधि के भेद:
- दीर्घ संधि – समान स्वर मिलने पर दीर्घ स्वर बनता है।रमा + आलय = रामालय
- गुण संधि – ‘अ’ या ‘आ’ का मेल ‘इ, ई, उ, ऊ, ऋ’ से होने पर स्वर का गुण रूप बनता है।देव + इन्द्र = देवेन्द्र
- वृद्धि संधि – ‘अ’ या ‘आ’ का मेल ‘ए, ऐ, ओ, औ’ से होने पर स्वर का वृद्धि रूप बनता है।गुरु + औपनिषद = गौरपिनिषद
- यण् संधि – जब ‘इ’ या ‘ई’ के बाद कोई स्वर आता है तो ‘इ/ई’ का रूप ‘य’ में बदल जाता है।रवि + उदय = रव्योदय
- गुण परिवर्तन संधि – जब दो स्वरों के मेल से किसी एक का रूप बदल जाता है।प्र + उप = प्रोप
2️⃣ व्यंजन संधि
जब दो व्यंजन मिलकर परिवर्तन करते हैं, तो उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
मुख्य नियम:
- जश्त्व संधि – जब ‘श्, ष्, स्’ से पहले ‘क, ख, ग, घ’ आदि आएँ तो ‘श्’ का रूप बदल जाता है।उत्स + कवि = उत्कवि
- षत्व संधि – जब ‘स्’ के बाद ‘ष’ आता है तो ‘स्’ का रूप ‘ष’ हो जाता है।दुः + ख = दुःख
- अनुनासिक संधि – जब व्यंजन के पहले नासिक्य ध्वनि आ जाती है।सं + कर = सँकर → शंकर
3️⃣ विसर्ग संधि
जब शब्द के अंत में विसर्ग (ः) आता है और उसके बाद स्वर या व्यंजन आता है, तो परिवर्तन होता है, जिसे विसर्ग संधि कहते हैं।
मुख्य भेद:
- सस् → षो संधि – विसर्ग के बाद ‘श, ष, स’ आने पर विसर्ग का रूप बदलकर ‘ष’ हो जाता है।दुः + शक = दुष्कर्म
- विसर्ग + क/ख – विसर्ग का रूप ‘ः’ से ‘ख्’ ध्वनि में बदल जाता है।लोकः + कवि = लोकखवि → लोकवि
- विसर्ग + स्वर – विसर्ग के स्थान पर ‘र’ या ‘ओ’ का रूप आता है।प्रियः + ईश्वर = प्रियोश्वर
🧠 संधि की पहचान
संधि की पहचान करने के लिए यह देखना आवश्यक है कि दो शब्दों या वर्णों के मेल से ध्वनि या रूप में कोई परिवर्तन हुआ है या नहीं।
- राम + आलय → रामालय → स्वर संधि
- सं + कर → शंकर → व्यंजन संधि
- दुः + ख → दुःख → विसर्ग संधि
📝 अभ्यास प्रश्न
- ‘विद्यालय’ शब्द में कौन-सी संधि है?
- ‘शंकर’ शब्द की संधि विच्छेद कीजिए।
- स्वर संधि के तीन उदाहरण लिखिए।
- व्यंजन संधि और विसर्ग संधि में क्या अंतर है?
🌸 निष्कर्ष
संधि हिंदी व्याकरण का एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसके माध्यम से शब्दों का मेल और ध्वनि की मधुरता सुनिश्चित होती है। सही संधि ज्ञान से लेखन और वाचन दोनों में शुद्धता आती है।
