कक्षा 9 विज्ञान हमारे आस-पास के पदार्थ नोट्स


परिचय (Introduction)

हमारे चारों ओर बहुत सारी चीजें हैं — हवा, पानी, किताब, कुर्सी, मोबाइल, भोजन आदि। इन सभी को हम पदार्थ (Matter) कहते हैं। विज्ञान में पदार्थ को इस प्रकार परिभाषित किया गया है:

“पदार्थ वह है जिसकी कोई द्रव्यमान (mass) और स्थान (volume) होता है और जो हमारी इंद्रियों से अनुभव किया जा सकता है।”


पदार्थ की अवस्थाएँ (States of Matter)

पारंपरिक रूप से पदार्थ की तीन मुख्य अवस्थाएँ होती हैं:

  1. ठोस (Solid)
  2. द्रव (Liquid)
  3. गैस (Gas)

नवीन अवस्थाएँ:
हाल ही में विज्ञान ने दो और अवस्थाओं की खोज की है:

  • प्लाज़्मा
  • बोस-आइंस्टीन संघनन (Bose-Einstein Condensate – BEC)

ठोस, द्रव और गैस की विशेषताएँ

गुणठोसद्रवगैस
आकारनिश्चितनहींनहीं
आयतननिश्चितनिश्चितनहीं
कणों के बीच दूरीबहुत कममध्यमबहुत अधिक
कणों की गतिकंपन (vibration)धीरे-धीरेतेज
संपीड़नशीलता (Compressibility)नगण्यथोड़ीअत्यधिक
प्रवाहिता (Fluidity)नहींहाँहाँ
आपसी आकर्षण बलबहुत अधिकमध्यमबहुत कम

कणों के गुण (Characteristics of Particles of Matter)

  1. पदार्थ कणों से बने होते हैं।
    • उदाहरण: शक्कर को पानी में घोलने पर शक्कर के छोटे कण पानी में घुल जाते हैं।
  2. कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
    • उदाहरण: 100 ml पानी में 5 चम्मच शक्कर घोल सकते हैं क्योंकि पानी के अणुओं के बीच खाली स्थान होता है।
  3. कण निरंतर गति में रहते हैं।
    • उदाहरण: अगर हम अगरबत्ती जलाएं, तो उसकी खुशबू कुछ देर में पूरे कमरे में फैल जाती है। यह कणों की गति का प्रमाण है।
  4. कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
    • ठोस में यह बल अधिक होता है, गैस में सबसे कम।

स्थिति परिवर्तन की प्रक्रियाएँ (Interconversion of States of Matter)

पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था में बदल सकता है। यह परिवर्तन निम्न कारणों से होता है:

1. तापमान में परिवर्तन (Change in Temperature):

जब किसी पदार्थ को गर्म या ठंडा किया जाता है, तो वह एक अवस्था से दूसरी में बदल सकता है।

  • गलन (Melting):
    ठोस → द्रव (जैसे बर्फ का पानी में बदलना)
    गलनांक: वह तापमान जिस पर ठोस द्रव में बदलता है।
    बर्फ का गलनांक = 0°C
  • वाष्पन (Vaporization):
    द्रव → गैस (जैसे पानी का भाप में बदलना)
    उबलनांक (Boiling point) = 100°C (पानी के लिए)
  • संघनन (Condensation):
    गैस → द्रव (जैसे भाप का पानी बनना)
  • हिमन (Freezing):
    द्रव → ठोस (जैसे पानी का बर्फ बनना)

2. दाब में परिवर्तन (Change in Pressure):

  • दाब बढ़ाने से गैस को द्रव में बदला जा सकता है।
    (उदाहरण: LPG और CNG गैस का द्रवीकरण)

वाष्पन की दर को प्रभावित करने वाले कारक

  1. तापमान – ताप अधिक होगा तो वाष्पन तेज होगा।
  2. सतह क्षेत्र – अधिक सतह पर वाष्पन अधिक होता है।
  3. वायु प्रवाह – हवा के बहाव से वाष्पन तेज होता है।
  4. नमी (Humidity) – वातावरण में अधिक नमी हो तो वाष्पन धीमा होता है।

निष्कर्ष:

  • हमें पसीना आता है तो शरीर की गर्मी पसीने से भाप बनने में लगती है जिससे शरीर ठंडा होता है। यह वाष्पन द्वारा शीतलन (Cooling by evaporation) का उदाहरण है।

नवीन अवस्थाएँ

1. प्लाज़्मा (Plasma):

  • यह आयनित गैस की अवस्था है जिसमें कण विद्युत आवेशित होते हैं।
  • यह सूरज, तारों और ट्यूबलाइट जैसे विद्युत स्रोतों में पाया जाता है।

2. बोस-आइंस्टीन संघनन (BEC):

  • यह अत्यंत निम्न तापमान (लगभग 0 K) पर बनाई जाती है।
  • इसमें परमाणु मिलकर एक ही क्वांटम अवस्था में आ जाते हैं।
  • इसे सत्येंद्र नाथ बोस और अल्बर्ट आइंस्टीन ने सिद्ध किया था।

गति ऊर्जा और स्थिति परिवर्तन (Kinetic Energy and State Change)

जब पदार्थ को गर्म किया जाता है, तो उसके कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। इससे वे एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं और स्थिति में परिवर्तन होता है।


कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ

  • द्रव्यमान (Mass): वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा।
  • आयतन (Volume): वस्तु द्वारा घेरा गया स्थान।
  • तापमान (Temperature): वस्तु की गर्मी का माप।
  • दाब (Pressure): प्रति इकाई क्षेत्र में लगने वाला बल।

गतिविधियाँ के निष्कर्ष (NCERT आधारित)

  1. गुलाल पानी में घुलने पर:
    गुलाल के कण पानी में घुल जाते हैं — यह दर्शाता है कि कण बहुत छोटे होते हैं और रिक्त स्थान होता है।
  2. अगरबत्ती की खुशबू दूर तक फैलना:
    यह दर्शाता है कि कण गतिशील होते हैं और गतिज ऊर्जा के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकते हैं।
  3. हाथ पर अल्कोहल लगाना:
    अल्कोहल जल्दी वाष्पित होता है और त्वचा को ठंडक देता है — यह वाष्पन द्वारा शीतलन है।

निष्कर्ष (Conclusion)

  • पदार्थ हमारे चारों ओर हर जगह उपस्थित है।
  • पदार्थ के कण छोटे होते हैं, निरंतर गतिशील होते हैं और आपस में आकर्षण करते हैं।
  • पदार्थ की अवस्थाएँ तापमान और दाब में परिवर्तन से बदली जा सकती हैं।
  • वाष्पन, संघनन, गलन, हिमन आदि प्रक्रियाएँ पदार्थ की अवस्थाओं को बदलने में सहायता करती हैं।
  • प्लाज़्मा और बोस-आइंस्टीन संघनन आधुनिक विज्ञान में नई अवस्थाएँ हैं जो विशेष परिस्थितियों में पाई जाती हैं।


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