कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान यूरोप में समाजवाद और रूसी क्रांति नोट्स



परिचय

  • समाजवाद का उदय 19वीं सदी में औद्योगिक पूंजीवाद के विरोध में हुआ।
  • इसका उद्देश्य था – निजी संपत्ति समाप्त करना और सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देना
  • 1917 की रूसी क्रांति ने दुनिया में पहली बार समाजवादी शासन की स्थापना की।

1. सामाजिक परिवर्तन का युग

  • 18वीं सदी का यूरोप राजनीतिक और सामाजिक बदलावों से गुज़र रहा था।
  • उदारवादी (Liberals) – धार्मिक सहिष्णुता, चुनी हुई सरकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के पक्ष में।
  • कट्टरपंथी (Radicals) – सार्वभौमिक मताधिकार और बहुमत की सरकार के समर्थक।
  • रूढ़िवादी (Conservatives) – धीरे-धीरे परिवर्तन और राजतंत्र बनाए रखने के पक्षधर।
  • औद्योगिक क्रांति से नए सामाजिक वर्गों का जन्म हुआ – मज़दूर वर्ग और पूंजीपति

2. समाजवादी विचारधारा

  • समाजवादियों ने समानता, सामाजिक न्याय और सामूहिक स्वामित्व की वकालत की।
  • रॉबर्ट ओवेन ने सहकारी समाज की स्थापना की।
  • कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स ने वैज्ञानिक समाजवाद की नींव रखी।
  • उनका ग्रंथ “द कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो (1848)” वर्ग संघर्ष और मज़दूर क्रांति की बात करता है।

3. यूरोप में समाजवाद का प्रसार

  • 19वीं सदी के अंत तक यूरोप में समाजवादी विचार तेजी से फैलने लगे
  • जर्मनी, फ्रांस, रूस आदि देशों में समाजवादी पार्टियाँ बनीं।
  • श्रमिक संघों और आंदोलनों ने राजनीतिक ताकत हासिल की।
  • कई समाजवादी चुनावों में शामिल हुए और सुधारों की मांग की।

4. 1917 से पहले का रूस

  • रूस में जार निकोलस द्वितीय का तानाशाही शासन था।
  • कोई संविधान नहीं, कोई संसद नहीं, और जनता के अधिकार नहीं
  • किसान गरीबी में जी रहे थे, और मज़दूरों को अमानवीय हालात का सामना करना पड़ता था।
  • आर्थिक रूप से पिछड़ा देश, गहराता असमानता का संकट।

5. 1905 की क्रांति

  • कारण: सामाजिक अन्याय, आर्थिक संकट, और रूस-जापान युद्ध में हार
  • ब्लडी संडे (रक्तरंजित रविवार) – शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर जार की सेना ने गोलीबारी की।
  • इसके बाद हड़तालें, विद्रोह और “दूमा” (संसद) की स्थापना हुई।
  • लेकिन जार ने अधिकांश शक्तियाँ अपने पास ही रखीं।

6. प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव

  • युद्ध में रूसी सेना की विफलता, भूखमरी, और जनता की मौतें
  • महंगाई और बेरोजगारी से जनता त्रस्त थी।
  • जार के प्रति विश्वास समाप्त हो गया।
  • प्रदर्शन और हड़तालें बढ़ने लगीं।

7. फरवरी क्रांति (1917)

  • रोटी की मांग, कारखानों में हड़ताल, और जनता का विद्रोह
  • सेना ने भी जनता का साथ दिया।
  • जार ने राजगद्दी छोड़ी, और एक अंतरिम सरकार बनाई गई।
  • लेकिन जनता को रोटी, ज़मीन, और शांति अभी भी नहीं मिली।

8. लेनिन और बोल्शेविक

  • व्लादिमीर लेनिन निर्वासन से लौटे और नारा दिया:
    “शांति, ज़मीन और रोटी”
  • उन्होंने सोवियत्स (श्रमिक समितियाँ) को समर्थन देने की अपील की।
  • बोल्शेविक पार्टी ने युद्ध समाप्ति, ज़मीन का वितरण और कारखानों पर मज़दूरों का नियंत्रण का वादा किया।

9. अक्तूबर क्रांति (1917)

  • लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविकों ने अंतरिम सरकार को गिरा दिया
  • विंटर पैलेस पर कब्ज़ा कर लिया गया।
  • सोवियत शासन की घोषणा की गई – दुनिया का पहला कम्युनिस्ट शासन स्थापित हुआ।

10. बोल्शेविकों के कदम

  • बैंक, ज़मीन, और फैक्ट्रियाँ राष्ट्रीयकृत की गईं।
  • रईसों और चर्च की संपत्ति जब्त कर ली गई।
  • ब्रैस्ट-लिटोव्स्क संधि (1918) के तहत रूस ने युद्ध से अलगाव किया।
  • विपक्षी पार्टियाँ बैन, मीडिया पर नियंत्रण

11. रूसी गृहयुद्ध (1918-1921)

  • रेड आर्मी (बोल्शेविक) बनाम व्हाइट आर्मी (जार समर्थक + विदेशी सेनाएँ)
  • लियोन ट्रॉट्स्की ने रेड आर्मी का नेतृत्व किया।
  • युद्ध ने देश को भुखमरी और तबाही की ओर धकेल दिया।
  • 1922 में यूएसएसआर (सोवियत संघ) की स्थापना हुई।

12. लेनिन की नई आर्थिक नीति (NEP)

  • 1921 में लागू, ताकि आर्थिक हालात सुधरें।
  • छोटे व्यापार, निजी खेती और बाज़ार आधारित व्यापार की अनुमति दी गई।
  • जनता को राहत मिली, आर्थिक स्थिरता लौटी।
  • यह पूंजीवाद से अस्थायी समझौता माना गया।

13. जोसेफ स्टालिन का उदय

  • लेनिन की मृत्यु (1924) के बाद स्टालिन सत्ता में आया
  • NEP को खत्म कर केंद्रीकृत योजना व्यवस्था शुरू की।
  • पाँच वर्षीय योजनाएँ (Five-Year Plans) लागू की गईं – उद्योगों पर ज़ोर।
  • USSR को औद्योगिक महाशक्ति बनाने का लक्ष्य।

14. सामूहिक खेती और दमन

  • निजी खेती को समाप्त कर सामूहिक फार्म (कोलखोज) बनाए गए।
  • किसानों के विरोध पर भुखमरी और नरसंहार हुए।
  • गुप्त पुलिस (NKVD) ने हर विरोध को दबाया।
  • लाखों लोगों की मौत, कई गुलाग श्रमिक शिविरों में भेजे गए।

15. वैश्विक प्रभाव

  • इस क्रांति ने चीन, वियतनाम, क्यूबा, भारत जैसी जगहों पर क्रांतिकारी आंदोलनों को प्रेरित किया।
  • कोमिन्टर्न की स्थापना – समाजवाद को फैलाने हेतु।
  • पूंजीवादी देशों ने समाजवाद विरोधी नीतियाँ अपनाईं।
  • दुनिया दो ध्रुवों में बंट गई – पूंजीवाद और समाजवाद

16. समाजवाद का पतन

  • USSR ने भले ही तरक्की की, परंतु:
    • तानाशाही शासन
    • अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन
    • आर्थिक संकट
  • 1991 में सोवियत संघ विघटित हो गया – समाजवादी युग का अंत

17. रूसी क्रांति की विरासत

  • राजशाही का अंत, योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था, निःशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ
  • विश्व राजनीति में नई दिशा, कई स्वतंत्रता आंदोलनों को प्रेरणा।
  • तानाशाही और सरकारी नियंत्रण के खतरों को भी उजागर किया।

10 लघु प्रश्न

  1. रूस का अंतिम जार कौन था?
  2. लेनिन का प्रसिद्ध नारा क्या था?
  3. रूस ने किस संधि से WWI से हटने का निर्णय लिया?
  4. NEP का पूरा नाम क्या है?
  5. रेड आर्मी का नेतृत्व किसने किया?
  6. कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो क्या था?
  7. अक्तूबर क्रांति किस वर्ष हुई?
  8. USSR का पूरा नाम क्या है?
  9. पाँच वर्षीय योजनाएँ किसने शुरू कीं?
  10. USSR का पतन कब हुआ?

5 दीर्घ प्रश्न

  1. फरवरी क्रांति के कारण और परिणाम बताइए।
  2. लेनिन की भूमिका अक्तूबर क्रांति में कैसे रही?
  3. बोल्शेविकों के प्रमुख कदमों की चर्चा कीजिए।
  4. स्टालिन की औद्योगिक और कृषि नीतियों का विवरण दीजिए।
  5. रूसी क्रांति ने वैश्विक राजनीति और आंदोलनों को कैसे प्रभावित किया?

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