लघु प्रश्नोत्तर (1-2 अंकों के लिए)
- प्रश्न: फ्रांसीसी क्रांति कब शुरू हुई थी?
उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी। - प्रश्न: फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस का शासक कौन था?
उत्तर: राजा लुई 16वाँ। - प्रश्न: बास्तील किला क्या था?
उत्तर: बास्तील एक कुख्यात किला और जेल था, जो राजशाही के अत्याचार का प्रतीक माना जाता था। - प्रश्न: बास्तील पर कब हमला हुआ था?
उत्तर: 14 जुलाई 1789 को। - प्रश्न: फ्रांसीसी समाज को कितने वर्गों में बाँटा गया था?
उत्तर: तीन वर्ग – प्रथम वर्ग (पादरी), द्वितीय वर्ग (कुलीन), तृतीय वर्ग (सामान्य जनता)। - प्रश्न: एस्टेट्स जनरल क्या था?
उत्तर: तीनों वर्गों का एक सभा समूह, जिसे संकट के समय राजा बुलाता था। - प्रश्न: ‘मानव और नागरिक अधिकारों की घोषणा’ क्या थी?
उत्तर: यह 1789 में जारी एक घोषणापत्र था, जिसमें समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की बात की गई। - प्रश्न: जैकोबिन क्लब क्या था?
उत्तर: एक कट्टरपंथी क्रांतिकारी समूह, जिसने क्रांति को चरम पर पहुँचाया। - प्रश्न: आतंक का शासन (Reign of Terror) किसने चलाया?
उत्तर: रॉब्स्पिएर ने। - प्रश्न: फ्रांसीसी क्रांति के बाद कौन सत्ता में आया?
उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट।
दीर्घ प्रश्नोत्तर (3-5 अंकों के लिए)
- प्रश्न: फ्रांसीसी क्रांति के प्रमुख कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- समाज में असमानता
- आर्थिक संकट और बढ़ते कर
- राजा लुई 16वाँ की अक्षमता
- प्रबोधन विचारधारा का प्रभाव
- अमेरिकी क्रांति से प्रेरणा
- प्रश्न: बास्तील किले पर हमले की घटना का वर्णन करें।
उत्तर:
14 जुलाई 1789 को हजारों नागरिकों ने बास्तील किले पर हमला किया। यह घटना राजशाही के विरोध और जनता की शक्ति का प्रतीक बन गई। इसी दिन को फ्रांस में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। - प्रश्न: फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य परिणाम क्या थे?
उत्तर:- राजशाही का अंत
- गणराज्य की स्थापना
- कानून के समक्ष समानता
- नागरिक अधिकारों की शुरुआत
- दुनियाभर में लोकतांत्रिक आंदोलनों को प्रेरणा
- प्रश्न: आतंक के शासन की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:- रॉब्स्पिएर के नेतृत्व में 1793-94 में गिलोटिन द्वारा हज़ारों लोगों की हत्या
- क्रांति के नाम पर कट्टर नीति और दमन
- अंत में रॉब्स्पिएर की स्वयं फांसी, जिससे शासन समाप्त हुआ।
- प्रश्न: फ्रांसीसी क्रांति का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:- लोकतांत्रिक और समानता के विचारों का प्रसार
- राजशाही के विरुद्ध आंदोलन शुरू हुए
- मानवाधिकारों की अवधारणा को वैश्विक पहचान मिली
- राष्ट्रवाद और नागरिकता की भावना मजबूत हुई