परिचय
- नाज़ीवाद का अर्थ है राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन मजदूर पार्टी की विचारधारा और प्रथाएँ, जिसे एडोल्फ़ हिटलर ने जर्मनी में चलाया।
- यह विचारधारा प्रथम विश्व युद्ध के बाद की आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के दौर में उभरी।
- हिटलर के उदय का मुख्य कारण था युद्ध के बाद जर्मनी की हालत, वर्साय की संधि, और कमजोर वाईमार गणराज्य।
हिटलर के उदय के कारण
1. वर्साय की संधि (1919)
- यह संधि जर्मनी के लिए बहुत कठोर और अपमानजनक थी।
- जर्मनी को युद्ध की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करनी पड़ी, भारी युद्ध क्षतिपूर्ति देनी पड़ी, और अपने कुछ इलाक़े खोने पड़े।
- इससे जर्मन जनता में आर्थिक और मानसिक चोट पहुंची।
2. आर्थिक संकट
- युद्ध के बाद 1923 में जर्मनी में अतिमहंगाई फैल गई थी, जिसने आम जनता को भारी प्रभावित किया।
- 1929 की महामंदी (ग्रेट डिप्रेशन) के कारण बेरोजगारी और भूख बढ़ गई।
- हिटलर ने लोगों को रोजगार, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक पुनरुद्धार का वादा किया।
3. वाईमार गणराज्य की कमजोरी
- नया लोकतांत्रिक शासन आर्थिक संकट से निपटने में असमर्थ रहा।
- इसे भ्रष्ट और देशद्रोही समझा गया।
- बार-बार सरकार बदलने और नेतृत्व की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए।
4. प्रचार और हिटलर का आकर्षण
- हिटलर एक प्रभावशाली वक्ता और प्रचार का माहिर था।
- उसने जर्मन गर्व वापस लाने और वर्साय की संधि को नकारने का वादा किया।
- बड़े जनसभाएँ, पोस्टर, रेडियो और अखबारों के माध्यम से नाज़ी विचार फैलाए।
नाज़ी विचारधारा की प्रमुख विशेषताएँ
1. नस्लवाद और आर्य श्रेष्ठता
- नाज़ी मानते थे कि आर्य नस्ल (शुद्ध जर्मन) श्रेष्ठ है।
- यहूदियों, स्लाव्स, रोमा और अन्य को नीच समझा जाता था।
2. यहूदियों के प्रति घृणा (एंटी-सेमिटिज़्म)
- यहूदियों को जर्मनी की हार और आर्थिक समस्याओं का दोषी ठहराया गया।
- नाज़ी प्रचार ने यहूदियों को देशद्रोही और अपराधी बताया।
3. अतिवादात्मक राष्ट्रवाद
- जर्मन राष्ट्रवाद को अत्यधिक महत्व दिया गया।
- विस्तारवादी नीति अपनाई गई – जर्मनों के लिए लीबेनस्रौम (अधिक भूमि) की मांग।
4. सैन्यवाद और तानाशाही
- लोकतंत्र का विरोध किया गया, तानाशाही समर्थित की गई।
- युद्ध, सेना और हिंसा की महिमा की गई।
- समानता और स्वतंत्रता के विचारों को खारिज किया गया।
नाज़ी पार्टी का उदय
1. हिटलर का नाज़ी पार्टी में प्रवेश (1919–1921)
- यह पार्टी शुरू में जर्मन मजदूर पार्टी के नाम से जानी जाती थी।
- बाद में इसका नाम बदला गया और हिटलर इसका मुख्य वक्ता और चेहरा बन गया।
2. बियर हॉल पुट्श (1923)
- यह हिटलर द्वारा सरकार को सत्ता से हटाने की असफल कोशिश थी।
- हिटलर जेल गया लेकिन उसने अपने मुकदमे को प्रचार के लिए इस्तेमाल किया।
- जेल में उसने अपनी किताब मेन काम्फ़ लिखी।
3. नाज़ी पार्टी का पुनर्निर्माण (1924–1932)
- पार्टी ने सत्ताधारियों के खिलाफ आर्म्ड स्टॉर्मट्रूपर्स (SA) के साथ पुनर्गठन किया।
- प्रचार और वादों से युवाओं, सैनिकों और मध्यम वर्ग में लोकप्रियता बढ़ाई।
हिटलर चांसलर बनते हैं (1933)
1. चुनावी सफलता
- 1932 तक नाज़ी पार्टी राइखस्टाग में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
- हिटलर को 30 जनवरी 1933 को चांसलर नियुक्त किया गया।
2. राइखस्टाग आग (1933)
- आग को कम्युनिस्टों का दोषी ठहराया गया, जिससे हिटलर को आपातकालीन अधिकार मिले।
- एनबलिंग एक्ट पास हुआ, जिससे हिटलर को बिना संसद के कानून बनाने की शक्ति मिली।
3. अन्य पार्टियों का प्रतिबंध
- एक-तरफा तानाशाही स्थापित की गई।
- विरोधी पार्टियों को बंद कर दिया गया; गेस्टापो (गुप्त पुलिस) ने कड़ा नियंत्रण रखा।
नाज़ी राज्य का ढांचा और नियंत्रण
1. फ्यूहरर सिद्धांत
- हिटलर को सर्वोच्च नेता माना गया, जिसकी पूजा की गई।
- किसी भी तरह के सवाल या असहमत को बर्दाश्त नहीं किया गया।
2. शिक्षा पर नियंत्रण
- नाज़ी विचारधारा को स्कूलों में पढ़ाया गया।
- इतिहास की किताबें बदली गईं ताकि जर्मनी और हिटलर की महिमा बढ़े।
- यहूदी शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया गया।
3. युवा और Indoctrination
- हिटलर यूथ और लीग ऑफ़ जर्मन गर्ल्स बनाए गए।
- बच्चों को सैन्य अनुशासन और नाज़ी विचारधारा में प्रशिक्षित किया गया।
4. मीडिया और सेंसरशिप
- प्रेस, रेडियो, और फिल्में राज्य के नियंत्रण में थीं।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं थी; आलोचकों को जेल या मार दिया जाता था।
यहूदियों और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न
1. नूरेमबर्ग कानून (1935)
- यहूदियों को नागरिकता और कानूनी अधिकार से वंचित किया गया।
- यहूदियों और जर्मनों के बीच शादी पर रोक लगी।
2. क्रिस्टलनाच्ट (1938)
- यहूदी दुकानों, घरों और मंदिरों पर हिंसक हमले हुए।
- हजारों यहूदियों को गिरफ्तार किया गया और उनकी संपत्ति नष्ट की गई।
3. गेटो और कंसंट्रेशन कैंप
- यहूदियों को भीड़-भाड़ वाले गेटो में रहने को मजबूर किया गया।
- बाद में उन्हें कंसंट्रेशन कैंप में भेजा गया, जहां हत्याएँ हुईं।
हिटलर के अधीन जर्मनी – घरेलू नीतियाँ
1. आर्थिक पुनरुद्धार
- बड़े सार्वजनिक कार्य योजनाएं, जैसे ऑटोबान का निर्माण।
- हथियारबंदी और सेना में भर्ती से बेरोजगारी कम हुई।
2. महिलाओं की भूमिका
- महिलाओं से घर में रहकर बच्चों को जन्म देने और राज्य का समर्थन करने की उम्मीद की गई।
- बड़ी संख्या में बच्चों वाले परिवारों को पुरस्कार दिए गए।
3. विरोधियों का दमन
- विरोधियों को जेल या मार दिया गया।
- डर और आतंक के माध्यम से नियंत्रण कायम रखा गया।
जर्मनी की द्वितीय विश्व युद्ध की ओर यात्रा
1. विस्तारवादी नीतियाँ
- राइनलैंड (1936), ऑस्ट्रिया (1938) और सुदेटेनलैंड पर कब्जा।
- वर्साय की संधि का उल्लंघन।
2. पोलैंड पर आक्रमण (1939)
- 1 सितंबर 1939 को हिटलर ने पोलैंड पर हमला किया।
- ब्रिटेन और फ्रांस ने युद्ध घोषित किया, और द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ।
10 छोटे प्रश्न-उत्तर
- प्रश्न: नाज़ी पार्टी किसने बनाई?
उत्तर: हिटलर ने जर्मन मजदूर पार्टी को नाज़ी पार्टी में बदल दिया। - प्रश्न: मेन काम्फ़ क्या है?
उत्तर: हिटलर द्वारा जेल में लिखी गई किताब जिसमें नाज़ी विचारधारा वर्णित है। - प्रश्न: हिटलर कब चांसलर बना?
उत्तर: 30 जनवरी 1933। - प्रश्न: एनबलिंग एक्ट क्या था?
उत्तर: ऐसा कानून जिससे हिटलर को तानाशाही शक्तियाँ मिलीं। - प्रश्न: नाज़ी गुप्त पुलिस का नाम क्या था?
उत्तर: गेस्टापो। - प्रश्न: आर्य नस्ल का क्या मतलब है?
उत्तर: नाज़ी विचार के अनुसार श्रेष्ठ जर्मन नस्ल। - प्रश्न: नूरेमबर्ग कानून क्या थे?
उत्तर: यहूदियों के खिलाफ बनाए गए भेदभावपूर्ण कानून। - प्रश्न: क्रिस्टलनाच्ट क्या था?
उत्तर: 1938 में यहूदियों की संपत्ति पर नाज़ी हिंसा। - प्रश्न: हिटलर यूथ क्या थी?
उत्तर: नाज़ी युवाओं का संगठन। - प्रश्न: द्वितीय विश्व युद्ध कब शुरू हुआ?
उत्तर: 1 सितंबर 1939।
लंबे प्रश्न-उत्तर
1. हिटलर के उदय के कारण बताइए।
उत्तर: वर्साय की संधि से अपमान, आर्थिक मंदी, वाईमार सरकार की कमजोरी, हिटलर के प्रभावशाली भाषण, नाज़ी प्रचार और व्यवसायिक एवं सैन्य वर्ग का समर्थन प्रमुख कारण थे।
2. नाज़ी विचारधारा की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: नस्लीय श्रेष्ठता, यहूदियों के प्रति घृणा, अतिवादी राष्ट्रवाद, तानाशाही, सैन्यवाद और लोकतंत्र की नकारात्मकता।
3. हिटलर ने जर्मनी में तानाशाही कैसे स्थापित की?
उत्तर: चांसलर बनने के बाद राइखस्टाग आग का फायदा उठाकर कम्युनिस्टों को खत्म किया, एनबलिंग एक्ट पास करवाया, सभी विपक्षी पार्टियों को प्रतिबंधित किया और गेस्टापो के माध्यम